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जाते-जाते इस राज्य के लिए बड़ा काम कर गए नड्डा, नए अध्यक्ष के पद संभालने से पहले BJP की बड़ी घोषणा

बैजयंत पांडा को असम विधानसभा चुनाव के लिए इंचार्ज नियुक्त किया गया है, जबकि सुनील कुमार शर्मा और दर्शना बेन जरदोश को को-इंचार्ज बनाया गया है। पांडा की संगठनात्मक क्षमता और अनुभव को देखते हुए यह नियुक्ति महत्वपूर्ण है। यह कदम पार्टी की चुनावी रणनीति को मजबूत करने के लिए उठाया गया है

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भारत

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Mukul Kumar

Dec 15, 2025

जेपी नड्डा और नितिन नबीन। (फोटो- ANI)

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने भाजपा अध्यक्ष का पद छोड़ने से पहले असम चुनाव को लेकर बड़ा काम कर दिया है। 2026 में होने वाले असम विधानसभा चुनाव को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को राज्य के लिए अपने चुनाव इंचार्ज और को-इंचार्जों की नियुक्ति की घोषणा कर दी है।

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा जारी एक आधिकारिक सूचना के अनुसार, ये नियुक्तियां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा द्वारा की गई हैं और तुरंत प्रभाव से लागू हो गई हैं।

बैजयंत पांडा को बनाया गया इंचार्ज

भाजपा के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत पांडा को आगामी असम विधानसभा चुनाव के लिए इंचार्ज नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, दो अनुभवी नेताओं को चुनाव को-इंचार्ज बनाया गया है।

जम्मू और कश्मीर विधानसभा में विधायक और विपक्ष के नेता सुनील कुमार शर्मा को असम चुनाव के लिए को-इंचार्ज बनाया गया है। साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ नेता दर्शना बेन जरदोश को भी यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।

इस कदम से पार्टी को क्या होगा फायदा?

इन अपॉइंटमेंट्स को 2026 के चुनाव से पहले असम में भाजपा के ऑर्गेनाइजेशनल फ्रेमवर्क को मजबूत करने के लिए एक अहम कदम के तौर पर देखा जा रहा है।

पार्टी सूत्रों ने कहा कि यह कदम नॉर्थ-ईस्ट राज्य में सत्ता बनाए रखने के लिए डिटेल्ड प्लानिंग, बूथ-लेवल पर लोगों को इकट्ठा करने और सेंट्रल व स्टेट यूनिट्स के बीच कोऑर्डिनेशन पर भाजपा लीडरशिप के फोकस को दिखाता है।

असम में दो बार सरकार बना चुकी है भाजपा

पिछले एक दशक में नॉर्थ-ईस्ट में भाजपा के पॉलिटिकल विस्तार के लिए असम एक अहम राज्य रहा है, जहां पार्टी ने लगातार दो बार सरकार बनाई है। अब इलेक्शन इंचार्ज टीम असम में भाजपा लीडरशिप के साथ मिलकर काम करेगी।

इसमें स्टेट प्रेसिडेंट, ऑर्गेनाइजेशन जनरल सेक्रेटरी और ऑफिस-बेयरर्स शामिल होंगे ताकि कैंपेन प्लानिंग, कैंडिडेट चुनने के प्रोसेस और इलेक्शन मैनेजमेंट की देखरेख की जा सके।

कोई भी मौका गंवाना नहीं चाहती है भाजपा

पॉलिटिकल जानकारों का मानना ​​है कि चुनाव इंचार्ज और को-इंचार्ज की जल्दी नियुक्ति इस बात का संकेत है कि भाजपा कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देना चाहती और 2026 के विधानसभा चुनाव में एक अच्छी तरह से तैयार ऑर्गेनाइजेशनल मशीनरी के साथ उतरना चाहती है।