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दिल्ली तक पहुंची CM पद को लेकर 2 कद्दावर कांग्रेस नेताओं की लड़ाई, आज सोनिया-राहुल ले सकते हैं अहम फैसला

कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस में खींचतान जारी है। उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार दिल्ली पहुंच गए हैं, जहां वे तीन दिन रहेंगे। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी रविवार को दिल्ली जाएंगे। दोनों नेता वोट चोरी के खिलाफ कांग्रेस की रैली में भाग लेंगे

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भारत

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Mukul Kumar

Dec 14, 2025

सोनिया गांधी-राहुल गांधी। (Photo-IANS)

मुख्यमंत्री पद को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस में चल रही खींचतान के बीच उप मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार शनिवार को दिल्ली पहुंच गए। शिवकुमार तीन दिन दिल्ली में रहेंगे और 15 दिसम्बर की शाम को लौटेंगे।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी रविवार सुबह 10 बजे करीबी मंत्रियों के साथ विशेष विमान में दिल्ली रवाना होंगे। उसी शाम सिद्धारमैया के बेलगावी लौटने की उम्मीद है। सीएम-डिप्टी सीएम दिल्ली के रामलीला मैदान में कथित वोट चोरी के खिलाफ कांग्रेस की ओर से आयोजित रैली में भाग लेंगे।

अहम मानी जा रही है दोनों नेताओं की दिल्ली यात्रा

हालांकि, पार्टी में मुख्यमंत्री पद को लेकर लंबे समय से चली आ रही खींचतान के मद्देनजर सिद्धारमैया और शिवकुमार की दिल्ली यात्रा काफी अहम मानी जा रही है।

दोनों नेता ऐसे समय में दिल्ली जा रहे हैं, जब बेलगावी में विधानमंडल का शीतकालीन अधिवेशन चल रहा है और सदन के अंदर-बाहर नेतृत्व परिवर्तन का मुद्दा हावी है। समझा जा रहा है कि पार्टी हाईकमान दोनों नेताओं को कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दे सकता है।

क्या कहते हैं कांग्रेस के सूत्र?

सूत्रों का कहना है कि दोनों नेताओं की कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मुलाकात हो सकती है।

माना जा रहा है कि दिल्ली दौरे के दौरान दोनों खेमों के बीच आपसी घमासान और बयानबाजी रोकने के संदर्भ में पार्टी हाईकमान कोई निर्देश दे सकता है।

सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच की लड़ाई कर्नाटक की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन गई है। दोनों नेता कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ सदस्य हैं और मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं।

शक्ति संतुलन को लेकर दोनों नेताओं के बीच तनाव

सिद्धारमैया वर्तमान में मुख्यमंत्री हैं, जबकि डीके शिवकुमार उपमुख्यमंत्री हैं। दोनों नेताओं के बीच पार्टी में शक्ति संतुलन को लेकर तनाव है।

सिद्धारमैया के समर्थकों का कहना है कि वे पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और उन्हें मुख्यमंत्री पद मिलना चाहिए, जबकि डीके शिवकुमार के समर्थकों का कहना है कि वे पार्टी के लिए अधिक काम कर रहे हैं और उन्हें मुख्यमंत्री पद मिलना चाहिए।

ढाई साल की डील

सूत्रों के मुताबिक, 2023 के विधानसभा चुनावों के बाद जब मुख्यमंत्री चुनने की बारी आई, तो दोनों नेताओं के बीच एक मौखिक सहमति बनी थी कि सिद्धारमैया ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद पर रहेंगे और शेष अवधि के लिए डीके शिवकुमार को यह पद सौंप देंगे। अब ढाई साल पूरा होने के बाद भी सिद्धारमैया पद छोड़ने को तैयार नहीं हैं।