
करूर भगदड़ मामला। (Photo-IANS)
Karur Stampede: तमिलनाडु पुलिस ने रविवार को तमिलगा वेत्री कझगम (टीवीके) के दावों का खंडन करते हुए कहा कि करूर में राजनेता विजय की रैली में पथराव की कोई घटना नहीं हुई। घटना को लेकर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने कहा- कार्यक्रम कई घंटों की देरी से शुरू हुआ। इसकी वजह से नमक्कल से भी लोग करूर स्थित कार्यक्रम स्थल पर जमा हो गए। उन्होंने कहा कि इसके कारण भारी भीड़ जमा हो गई जिसे नियंत्रित करना मुश्किल हो गया।
बता दें कि टीवीके ने दावा किया था कि पथराव के कारण भगदड़ मची, लेकिन पुलिस ने इन दावों का खंडन किया और कहा कि पार्टी नेतृत्व ने भारी भीड़ इकट्ठा करने के आदेशों की अवहेलना की।
घटना को लेकर एडीजीपी ने कहा नमक्कल में प्रचार में देरी होने के कारण विजय शाम 6 बजे तक ही करूर कार्यक्रम स्थल पर पहुंच पाए। भीड़ तेज़ी से बढ़ने लगी और नमक्कल और करूर दोनों जगहों से लोग उन्हें देखने के लिए इकट्ठा होने लगे। हर कोई अपने नेता को देखना चाहता था और वे गाड़ी की ओर बढ़ रहे थे।
उन्होंने कहा कि आयोजकों से कम लोगों वाले क्षेत्र में भाषण देने की अपील की थी, लेकिन उन्होंने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। ADGP ने कहा- इसके अलावा विजय की बस के अंदर रोशनी नहीं थी, इसलिए भीड़ उसे देख नहीं पाई और बस के साथ-साथ चलने लगी।
विजय की टीवीके ने करूर में हुई भगदड़ की स्वतंत्र जांच की मांग के लिए मद्रास हाई कोर्ट का रुख किया था। पार्टी चाहती है कि इस घटना की जांच सीबीआई या एसआईटी से कराई जाए। हालांकि हाई कोर्ट ने पार्टी की याचिका पर शाम 4.30 होने वाली तत्काल सुनवाई रद्द कर दी।
जस्टिस एन. सेंथिलकुमार की पीठ दायर याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी। हालांकि, अदालत ने दस्तावेजों का अवलोकन करने के बाद पाया कि यह याचिका कोई नया मामला नहीं है, बल्कि टीवीके की जनसभाओं के लिए पुलिस की अनुमति से संबंधित पहले से लंबित एक मामले में पक्षकार बनने के लिए एक याचिका है और तत्काल सुनवाई रद्द कर दी।
Published on:
28 Sept 2025 06:52 pm
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