
तेलंगाना के पूर्व सीएम के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) की बेटी के. कविता (Photo-IANS)
K Kavitha Suspended From BRS: भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) की बेटी के. कविता का विवादों से पुराना नाता रहा है। दिल्ली शराब नीति घोटाले में कथित संलिप्तता के चलते प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें 15 मार्च 2024 को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था। इस मामले में कविता को पांच महीने से अधिक समय जेल में बिताना पड़ा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी, लेकिन यह मामला अभी भी सुर्खियों में है। ईडी का आरोप है कि कविता 'साउथ लॉबी' का हिस्सा थीं, जिसने दिल्ली की आबकारी नीति को कुछ कंपनियों के पक्ष में तैयार करने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं के साथ साठगांठ की। उनके खिलाफ 100 करोड़ रुपये की रिश्वत और हवाला के जरिए पैसे ट्रांसफर करने के भी आरोप हैं।
के कविता को मंगलवार को एक और बड़ा झटका लगा, जब उनके पिता और बीआरएस प्रमुख केसीआर ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया। यह फैसला कविता की गिरफ्तारी और उससे पार्टी की छवि को हुए नुकसान के कारण लिया गया। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष और कविता के भाई के.टी. रामाराव (केटीआर) ने भी गिरफ्तारी के समय ईडी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना का आरोप लगाया था, लेकिन पार्टी ने अब कविता से दूरी बना ली है। यह कदम बीआरएस के लिए राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि पार्टी तेलंगाना में अपनी साख बचाने की कोशिश में है।
के. कविता का राजनीतिक और निजी जीवन हमेशा विवादों में रहा है। शराब नीति घोटाले से पहले भी उनके खिलाफ कई आरोप लग चुके हैं। ईडी का दावा है कि कविता ने इंडोस्पिरिट्स कंपनी में बेनामी निवेश किया था, जो इस घोटाले से जुड़ी थी। इसके अलावा, उनकी गिरफ्तारी के दौरान हैदराबाद में उनके घर पर हंगामा हुआ था, जहां बीआरएस कार्यकर्ताओं ने ईडी के खिलाफ नारेबाजी की थी। कविता ने जेल से निकलने के बाद दावा किया कि उनकी गिरफ्तारी राजनीतिक साजिश थी, लेकिन बीआरएस नेतृत्व ने अब उनके साथ दूरी बनाना ही बेहतर समझा।
कविता का निष्कासन बीआरएस के लिए एक बड़ा राजनीतिक कदम है, क्योंकि तेलंगाना में 2023 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को पहले ही हार का सामना करना पड़ा था। कविता के पिता केसीआर और भाई केटीआर अब पार्टी को मजबूत करने की कोशिश में हैं। हालांकि, कविता का निष्कासन परिवार और पार्टी के बीच तनाव का संकेत भी देता है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम बीआरएस की छवि को साफ करने की कोशिश हो सकती है, ताकि भविष्य में होने वाले चुनावों में पार्टी को नुकसान न हो।
कविता की जमानत के बावजूद उनके खिलाफ कानूनी लड़ाई जारी है। शराब नीति घोटाले में उनकी कथित भूमिका की जांच अभी पूरी नहीं हुई है। इस बीच, बीआरएस से निष्कासन ने उनके राजनीतिक करियर पर सवालिया निशान लगा दिया है। तेलंगाना की राजनीति में कविता एक प्रमुख चेहरा रही हैं, लेकिन अब उनके लिए वापसी की राह मुश्किल हो सकती है। आपको बता दें कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2028 में होंगे। ऐसे में यह मामला न केवल कविता के लिए, बल्कि बीआरएस और तेलंगाना की सियासत के लिए भी एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
Updated on:
02 Sept 2025 07:53 pm
Published on:
02 Sept 2025 04:22 pm
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