इस गाँव का नाम कलाची है जो कजाकिस्तान में स्थित है। यहाँ लोग कभी भी सो जाते हैं और महीनों तक कभी कभो सोते रह जाते हैं। इस गाँव में लोग मछली पकड़ते हुए तो खाना बनाते हुए कहीं भी कभी सो जाते थे। जब ये जागते हैं तो इन्हें कुछ भी याद नहीं रहता है और अजीब बातें करते हैं।
कलाची गांव का ये मामला साल 2010 में पहली बार सामने आया था जब कुछ बच्चे अचानक स्कूल में गिर गए और सोने लगे थे। इसके बाद इस तरह से सोने की बीमारी के शिकार लोगों की संख्या यहाँ बढ़ने लगी। तबसे वैज्ञानिक इस गाँव पर रिसर्च कर रहे हैं लेकिन न डॉक्टर और न ही कोई शोधकर्ता कोई सटीक नतीजे पर पहुंचा है। हालांकि, वर्ष 2015 में ये बीमारी अचानक से गायब हो गई थी।
कलाची गांव का ये मामला साल 2010 में पहली बार सामने आया था जब कुछ बच्चे अचानक स्कूल में गिर गए और सोने लगे थे। इसके बाद इस तरह से सोने की बीमारी के शिकार लोगों की संख्या यहाँ बढ़ने लगी। तबसे वैज्ञानिक इस गाँव पर रिसर्च कर रहे हैं लेकिन न डॉक्टर और न ही कोई शोधकर्ता कोई सटीक नतीजे पर पहुंचा है। हालांकि, वर्ष 2015 में ये बीमारी अचानक से गायब हो गई थी।
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