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केजरीवाल सरकार का फैसला, दिल्ली में हरिजन शब्द की जगह अब डॉ. अम्बेडकर का होगा इस्तेमाल

द‍िल्‍ली की केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत अब राजधानी में ‘हर‍िजन’ शब्‍द की जगह पर ‘डॉ. अम्बेडकर’ शब्द इस्तेमाल किया जाएगा। द‍िल्‍ली के समाज कल्‍याण मंत्रालय की ओर से इस संबंध में अध‍िसूचना को मंजूरी दी है।

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Kejriwal Govt Decision Dr Ambedkar Instead Of Harijan Word To Be Used In Delhi

Kejriwal Govt Decision Dr Ambedkar Instead Of Harijan Word To Be Used In Delhi

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अब हरिजन कॉलोनियों की जगह डॉ. अम्बेडकर का इस्तेमाल किया जाएगा। दरअसल दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राजधानी में हरिजन शब्द की जगह डॉ. अम्बेडकर का यूज करने का आदेश दिया है। द‍िल्‍ली के समाज कल्‍याण मंत्रालय की ओर से इस संबंध में अध‍िसूचना को मंजूरी दी है। साथ ही इसको जल्‍द से जल्‍द प्रभावी करने के न‍िर्देश भी द‍िए हैं। दरअसल भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के बाद से ही हरिजन शब्द का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। इसे असंवैधानिक बताया गया है। यही वजह है कि, द‍िल्‍ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने ‘हरिजन’ शब्द के स्थान पर ‘डॉ. अम्बेडकर’ शब्द के प्रतिस्थापन की अधिसूचना पारित की और निर्देश दिया।

सरकारी दफ्तरों में लगी अम्बेडकर की तस्वीर
हरिजन बस्ती/मोहल्लों को अब से डॉ. आंबेडकर बस्ती/मोहल्ला बुलाया जाएगा। हालांकि ये पहली बार नहीं है जब केजरीवाल सरकार ने डॉ. अम्बेडकर के नाम का सहारा लिया हो। इससे पहले भी आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली सरकार के सभी दफ्तरों में डॉ. आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीर लगाने का आदेश दिया था।

एक दिन पहले ही मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने दिल्ली के प्रधान सचिव कानून, सचिव अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति व् अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण, प्रमुख सचिव यूडी, और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। इसी बैठक में नाम बदले जाने पर मुहर लगी थी।

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मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने बैठक में अधिकारियो के साथ कहा कि हरिजन शब्द असंवैधानिक है। ऐसे में जल्द ही कार्यवाही करके सभी कॉलोनियों का नाम बदला जाएगा।

सरकार ने खेला दलित कार्ड
दरअसल एक अनुमान के मुताबिक राजधानी में दलितों की आबादी करीब 16.75 फीसदी है। केजरीवाल सरकार के इस फैसले को आगामी नगर निगम चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

इसके अलावा पंजाब में भी पार्टी को दलितों के एक बड़े तबगे का साथ मिला है। ऐसे में दलितों के वोट बैंक को लेकर केजरीवाल सरकार के बड़ा कार्ड खेला है।

बता दें कि, दिल्ली और पंजाब में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी अब देश के दूसरे हिस्सों में विस्तार की योजना पर काम कर रही है। ऐसे में आम आदमी पार्टी को लगता है कि दलित उनकी नीतियों से प्रभावित होकर पार्टी के वोटों की गिनती बढ़ाने में कारगर हो सकते हैं।

गांधी नहीं अम्बेडकर-भगत सिंह
सीएम केजरीवाल जब भी प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं तो उनके पीछे महात्मा गांधी की बजाए एक तरफ भगत सिंह और दूसरी तरफ डॉ. आंबेडकर नजर आते हैं। वह AAP को इन दो महापुरुषों के आदर्शों पर चलने वाली पार्टी बता रहे हैं।

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