6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

लद्दाख विवाद: सोनम वांगचुक की पत्नी का राष्ट्रपति मुर्मू को भावुक पत्र, रिहाई की अपील

जेल में बंद कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि आंगमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अपील की कि वे अपने आदिवासी पृष्ठभूमि के कारण विरोध प्रदर्शनों और अपने पति की गिरफ्तारी की पृष्ठभूमि में लद्दाख के लोगों की भावनाओं को समझें।

2 min read
Google source verification
gitanjali angmo droupadi murmu

सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि आंगमो और राष्ट्रपति मुर्मू (Photo-ANI)

लद्दाख में छठी अनुसूची और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के बीच जेल में बंद पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि आंगमो ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुरमू को एक भावुक पत्र लिखा है। पत्र की प्रतियां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी भेजी गई हैं। आंगमो ने पति की 'बिना शर्त रिहाई' की गुहार लगाई है, राष्ट्रपति की आदिवासी पृष्ठभूमि का हवाला देते हुए कहा कि 'आप एक आदिवासी के रूप में हमारी भावनाओं को समझेंगी।' यह पत्र लद्दाख के आदिवासी समुदाय की लंबे समय से चली आ रही मांगों को रेखांकित करता है, जो जलवायु परिवर्तन और क्षेत्रीय विकास से जुड़े हैं।

पति की रिहाई के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखा

गीतांजलि आंगमो ने पत्र में सोनम वांगचुक को 'शांतिपूर्ण गांधीवादी प्रदर्शनकारी' बताया, जो लद्दाख के पिछड़े आदिवासी क्षेत्रों के उत्थान और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने लिखा, आप एक आदिवासी के रूप में समझेंगी कि लद्दाख के लोग क्या महसूस कर रहे हैं। पत्र में छठी अनुसूची के विस्तार की मांग प्रमुख है, जो आदिवासी क्षेत्रों को प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता प्रदान करती है। इसके अलावा, लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देकर राजनीतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की अपील की गई। आंगमो ने पति की गिरफ्तारी को 'विच-हंट' (जादूगरनी का शिकार) करार दिया और बताया कि गिरफ्तारी के बाद से उनसे बात करने की अनुमति नहीं मिली।

पत्र में उठाए गए मुद्दे

लद्दाख में ये मांगें 2019 में जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद से तेज हुई हैं। कार्यकर्ता मानते हैं कि बिना संवैधानिक सुरक्षा के क्षेत्र का पर्यावरण और संस्कृति खतरे में है। वांगचुक का आंदोलन विशेष रूप से हिमालयी क्षेत्र की जलवायु संकट पर केंद्रित रहा है, जहां ग्लेशियर पिघलने और जैव विविधता के नुकसान की समस्या गंभीर है।

हिंसक प्रदर्शनों के बाद NSA

सोनम वांगचुक को पिछले सप्ताह लेह में गिरफ्तार किया गया, जब प्रदर्शन हिंसक हो गए। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत उन पर चार्ज लगाया गया और जोधपुर सेंट्रल जेल स्थानांतरित कर दिया गया। आंगमो के अनुसार, यह गिरफ्तारी शांतिपूर्ण आंदोलन को दबाने की कोशिश है। लद्दाख के निवासी वर्षों से दिल्ली के दरवाजे कड़ा रहे हैं, लेकिन मांगें अनसुलझी हैं। पत्र में राष्ट्रपति मुरमू की संताली आदिवासी पहचान का जिक्र कर आंगमो ने भावनात्मक अपील की, उम्मीद जताई कि यह लद्दाख की आवाज को सुनने का माध्यम बनेगा।