scriptGround Report: वो सीट जहां मुख्यमंत्री के बेटे की हार-जीत से तय होगा पार्टी का भविष्य, जनता करेगी असली नकली शिवसेना का फैसला | Lok sabha elections Maharashtra thane seat ground report Eknath Shinde son Shrikant Shinde Shivsena ncp Uddhav Thackeray | Patrika News
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Ground Report: वो सीट जहां मुख्यमंत्री के बेटे की हार-जीत से तय होगा पार्टी का भविष्य, जनता करेगी असली नकली शिवसेना का फैसला

Ground Report: शिवसेना तोड़ कर भाजपा के सहयोग से मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे के डॉक्टर पुत्र श्रीकांत शिंदे तीसरी बार कल्याण लोकसभा सीट से मैदान में हैं। पिछले दो चुनाव उन्होंने शिवसेना से जीते, जो अब टूट चुकी है। यह सीट महाराष्ट्र की उन 13 सीटों में से एक है, जहां दोनों शिवसेना आपस में भिड़ रही हैं। पढ़िए से दौलत सिंह चौहान की ग्राउंड रिपोर्ट-

नई दिल्लीMay 16, 2024 / 10:59 am

Akash Sharma

BJP VS Shivsena NCP
Ground Report: शिवसेना तोड़ कर भाजपा के सहयोग से मुख्यमंत्री बने एकनाथ शिंदे के डॉक्टर पुत्र श्रीकांत शिंदे तीसरी बार कल्याण लोकसभा सीट से मैदान में हैं। पिछले दो चुनाव उन्होंने शिवसेना से जीते, जो अब टूट चुकी है। यह सीट महाराष्ट्र की उन 13 सीटों में से एक है, जहां दोनों शिवसेना आपस में भिड़ रही हैं। मराठी बहुल कल्याण सीट के मतदाता फैसला करेंगे कि बाला साहेब ठाकरे की विरासत के हकदार उद्धव ठाकरे हैं या एकनाथ शिंदे। ठाणे लोकसभा सीट से टूट कर 2009 में बनी कल्याण लोकसभा सीट पर अब तक हुए तीन चुनावों में शिवसेना (टूटने से पहले वाली) ने लगातार नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) को हराया। एनसीपी भी अब दो टुकड़ों में बंट चुकी है। कांग्रेस का इस सीट पर प्रभाव नजर नहीं आया। सीएम पुत्र के सामने शिवसेना (उद्धव) ने वैशाली दरेकर राणे को मैदान में उतारा है। इस लोकसभा क्षेत्र में गुजराती, राजस्थानी, उत्तर भारतीय और मुस्लिम मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं, लेकिन जीत-हार का फैसला मराठियों के हाथ में है। 

यहां फंसा पेंच

भाजपा का प्रभाव इस क्षेत्र में खास कर गुजराती और राजस्थानी मतदाताओं पर है। भाजपा की शिंदे के बेटे के साथ लंबे समय से पटरी नहीं बैठ रही है। इस सीट में पड़ने वाली 6 विधानसभा सीटों में से आधी उल्हासनगर, कल्याण पूर्व और डोंबिवली पर भाजपा का कब्जा है, जबकि शिवसेना के पास केवल एक अंबरनाथ सीट ही है। कल्याण ग्रामीण सीट महाराष्ट्र नव निर्माण सेना और मुस्लिम बहुल मुंब्रा-कलवा एनसीपी शरद पवार गुट के पास है। तीन विधायक होने से भाजपा का दावा इस बार कल्याण सीट पर था और मामला काफी गरम हो गया था। अंतत: भाजपा आलाकमान के दखल से फैसला शिंदे के बेटे के पक्ष में हुआ। महाराष्ट्र सरकार के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तो उत्तेजित भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को शांत करने के लिए यह स्पष्टीकरण तक दिया कि कल्याण सीट भाजपा ने इसलिए छोड़ी क्योंकि वह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अपमानित नहीं करना चाहती। इसके बावजूद धरातल पर भाजपा के टिकट के दावेदार नेताओं और उनके समर्थकों का शिंदे के बेटे के लिए मन से जुडऩा बड़ा सवाल बना हुआ है।
Shrikant Shinde MP
Shrikant Shinde


 छह लाख वोटों से जीत का दावा

शिवसेना शिंदे के डोंबिवली स्थित मुख्य चुनाव कार्यालय के प्रमुख सागर बापट हालांकि दावा करते हैं कि इस बार श्रीकांत साहेब 6 लाख से ज्यादा वोटों से जीतेंगे। सीएम एकनाथ शिंदे एक बार क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं। शिंदे सरकार में केबिनेट मंत्री रविंद्र चह्वाण, जो डोंबिवली से भाजपा विधायक हैं, श्रीकांत शिंदे के लिए हालांकि दिन-रात काम कर रहे हैं। 

कड़ी टक्कर दे रहीं वैशाली

महाविकास अघाड़ी की प्रत्याशी वैशाली राणे कल्याण लोकसभा सीट के डोम्बिवली इलाके की रहने वाली है। संगठन पर पकड़ रखने वाली वैशाली तीन बार ठाणे नगर निगम का चुनाव जीत चुकी हैं। एनसीपी टूटने के बाद शरद पवार गुट के प्रमुख नेता बने जितेंद्र अव्हाड़ मुस्लिम बहुल मुंब्रा-कलवा सीट से विधायक हैं, जो महाविकास अघाड़ी के साझीदार के रूप में शिवसेना उद्धव की प्रत्याशी वैशाली के लिए जमकर प्रचार कर रहे हैं। शिवसेना उद्धव के डोंबिवली स्थित मुख्य चुनाव कार्यालय में मिले सह सम्पर्क प्रमुख अरविंद बिरमोल के अनुसार वैशाली लोगों से सीधा संवाद कर रही हैं। वे बोले, पिछले 10 साल में एमपी ने किया क्या है। रेल नेटवर्क का विस्तार न होने से अंबरनाथ से लेकर कलवा तक के उपनगरीय स्टेशनों पर भीड़ में आए दिन ट्रेन से गिरने से लोग हादसे का शिकार हो रहे हैं। शिंदे और भाजपा मेट्रो के झूठे सपने दिखा कर लोगों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं।  

क्या कहते हैं मतदाता 

कल्याण स्टेशन पर लोकल ट्रेन का इंतजार कर रहे सुशील कुमार से बात हुई। उनका कहना था कि दिल्ली के चुनाव बड़े और राष्ट्रीय मुद्दों पर होते हैं। हम वोट भी उसी आधार पर करते हैं, लेकिन यदि स्थानीय और बाहरी की बात करने वालों को तवज्जो दी जाती है तो चिंता तो होती है। फिर जनता काम भी देखती है। मुंब्रा में मोहम्मद इस्माइल नामक युवक से चाय की थड़ी पर बात हुई। वो बोले हमें नहीं पता कौन जीतेगा, पर कोई जीते हारे हमारे यहां के हालात तो सुधरने वाले हैं नहीं। कल्याण में फुटपाथ पर रेडिमेड कपड़े बेच रहे अनमोल से पूछा, उन्होंने कहा कि श्रीकांत साहेब का ही माहौल है। अब तो उनके पिता सीएम हैं तो उम्मीद है कल्याण का भी ‘कल्याण’ होगा। कलवा के बाजार में महिला सुरेखा ने बताया कि मोदी अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन यहां की समस्याओं को कोई हल नहीं कर रहा। राज ने बढ़ाई श्रीकांत की मुश्किलें कल्याण ग्रामीण से मनसे का विधायक है और मनसे प्रमुख महायुती का समर्थन कर रहे हैं। ठाणे और कल्याण लोकसभा सीटों पर महायुती के उम्मीदवारों से समर्थन आयोजित रैली में प्रथम बार मंच पर आए मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने एक बार फिर बाहरी के खिलाफ आवाज उठा कर शिंदे और भाजपा के लिए मुश्किल पैदा कर दी है। गुजराती, राजस्थानी और उत्तर भारतीय संगठनों के नेताओं ने इस पर कड़ी आपत्ति उठाते हुए कहा कि भाजपा को हमारे वोट भी चाहिए और वह हमारी पिटाई करने वालों और हमें दुत्कारने वालों से हाथ भी मिलाती है। ये कैसे चलेगा? भाजपा नेता भी उनके सुर में सुर मिला कर खुल कर कह रहे हैं कि देश में कोई भी नागरिक कहीं भी रह सकता है, कारोबार या नौकरी कर सकता है। कांग्रेस ने भाजपा पर वार करते हुए कहा है कि राज ठाकरे के बयान पर भाजपा को स्पष्टीकरण देना चाहिए।

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