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लव, रोमांस और फ्रेंडशिप, Delhi University शुरू कर रही नया कोर्स, जानें किन स्टुडेंट्स को पढ़ाया जाएगा ये पाठ

DU Love Relation New Course: दिल्ली यूनिवर्सिटी 2025-26 शैक्षणिक सत्र से नए कोर्स की शुरुआत करने जा रही है जिसमे प्यार, रोमांस, दोस्ती और रिश्तों से जुड़ी भावनात्मक चुनौतियों को समझाया जाएगा।

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भारत

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Devika Chatraj

Jun 10, 2025

Delhi University New Course: दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) अपने छात्रों के लिए एक अनोखा और आधुनिक कोर्स शुरू करने जा रही है, जिसका नाम है "Negotiating Intimate Relationships"। यह कोर्स 2025-26 शैक्षणिक सत्र से शुरू होगा और इसका उद्देश्य छात्रों को प्यार, रोमांस, दोस्ती और रिश्तों से जुड़ी भावनात्मक चुनौतियों को समझने में मदद करना है। यह कोर्स विशेष रूप से Gen Z के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो डेटिंग ऐप्स और सोशल मीडिया के युग में रिश्तों की जटिलताओं का सामना कर रहे हैं।

कोर्स की मुख्य विशेषताएं

विभाग: यह चार क्रेडिट का वैकल्पिक (elective) कोर्स मनोविज्ञान विभाग (Department of Psychology) द्वारा संचालित होगा।

किन छात्रों के लिए?: यह कोर्स सभी संकायों (disciplines) के स्नातक (undergraduate) छात्रों के लिए उपलब्ध होगा, जो कक्षा 12 उत्तीर्ण कर चुके हैं।

कोर्स में चार मुख्य इकाइयाँ शामिल हैं

दोस्ती और नजदीकी रिश्तों का मनोविज्ञान: दोस्ती कैसे बनती है और यह रोमांटिक रिश्तों में कैसे विकसित होती है।

प्यार और कामुकता के सिद्धांत: रॉबर्ट स्टर्नबर्ग के त्रिकोणीय प्रेम सिद्धांत (Triangular Theory of Love) और टू-फैक्टर थ्योरी जैसे सिद्धांतों की पढ़ाई।

रिश्तों में खतरे के संकेत: ईर्ष्या, भावनात्मक हेरफेर, और अंतरंग साथी हिंसा (intimate partner violence) जैसे रेड फ्लैग्स की पहचान।

स्वस्थ रिश्तों का निर्माण: संवाद, भावनात्मक समर्थन और लंबे समय तक चलने वाले रिश्तों को बढ़ावा देने की रणनीतियाँ।

कोर्स शुरू करने की वजह

दिल्ली यूनिवर्सिटी ने यह कोर्स शुरू करने का फैसला बढ़ते भावनात्मक तनाव और विषाक्त रिश्तों से जुड़े अपराधों की चिंताओं के मद्देनजर लिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स के दौर में युवाओं में भावनात्मक नियमन (emotional regulation) और स्वस्थ सीमाओं की समझ की कमी देखी जा रही है। "ये अपराध अलग-थलग घटनाएँ नहीं हैं। ये भावनाओं को नियंत्रित करने में असमर्थता और सोशल मीडिया पर लगातार निगरानी जैसे मुद्दों के लक्षण हैं। शुरुआती भावनात्मक शिक्षा इस चक्र को तोड़ सकती है।"

शिक्षकों का दृष्टिकोण

दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर लतिका गुप्ता के अनुसार, "फिल्में अक्सर प्यार को आदर्श बनाती हैं या विषाक्त व्यवहार को सामान्य दिखाती हैं। कक्षा में इनका विश्लेषण करके हम अस्वास्थ्यकर पैटर्न को समझ सकते हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि अगर छात्रों को अस्वीकृति (rejection) और सीमाएँ (boundaries) सेट करना सिखाया जाए, तो कई त्रासदियाँ रोकी जा सकती हैं।

बेहतर रिश्तों के लिए प्रयास

दिल्ली यूनिवर्सिटी का यह नया कोर्स न केवल छात्रों को रिश्तों की जटिलताओं को समझने में मदद करेगा, बल्कि उन्हें भावनात्मक रूप से मजबूत और जागरूक बनाने में भी योगदान देगा। यह कोर्स आधुनिक समय की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए युवाओं को स्वस्थ रिश्तों की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करने का एक अनूठा प्रयास है।