
Eknath-Shinde-Shiv-Sena-List
Eknath Shinde : कोपरी पाचपाखाड़ी ठाणे लोकसभा सीट (Kopri-Pachpakhadi Assembly constituency) में आती है। ठाणे पर उद्धव से अलग होने से पहले से ही एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) का भारी दबदबा रहा है। वे ठाणे के बाला साहेब कहे जाने वाले दिवंगत आनंद दिघे के सबसे विश्वस्त शिवसैनिक रहे। शिवसेना उद्धव (Shivsena Uddhav) ने शिंदे के गढ़ में सेंध लगाने के लिए आनंद दिघे के भतीजे केदार दिघे (Kedar Dighe) को मैदान में उतार कर चुनौती पेश करने की कोशिश की है। लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद शिंदे ने अपना कद खास कर ठाणे में इतना बड़ा कर लिया है कि केदार दिघे उनके सामने बौने दिखाई दे रहे हैं। यहां सवाल शिंदे की जीत का नहीं है बल्कि जीत के अंतर का है।
विधानसभा क्षेत्र में प्रचार की रंगत अन्य इलाकों से ज्यादा दिखाई दी। सीएम-पीएम के बड़े-बड़े होर्डिंग कमर्शियल साइट्स पर नजर आए, वहीं केदार दिघे या महा अघाड़ी (Maha Aghadi) की बात करें तो प्रचार सामग्री कहीं नजर भी आई तो उनके कार्यालय के आसपास ही। भाजपा के कार्यालयों पर रौनक भी ज्यादा है। केदार दिघे के कार्यालय में इक्का-दुक्का लोग ही नजर आए।
लोकसभा चुनाव में ठाणे में शिंदे की सेना पर असली की मोहर लगा चुके शिवसैनिक उनके पीछे अब भी मजबूती से डटे दिखाई दे रहे हैं। कोपरी पाचपाखाड़ी स्थित आनंद दिघे आश्रम को शिवसैनिक 'मंदिर' का रूप दे चुके हैं। मैं वहां पहुंचा तो रणनीतिक बैठक में मंत्रणा चल रही थी। मैं वीडियो बनाने लगा तो शिवसैनिकों ने रोक दिया कि ये हमारी इंटरनल मीटिंग है। मराठी में बोल रहे वक्ता की पूरी बात तो समझ में नहीं आई, लेकिन इतना समझ में आया कि हमें किसी बहकावे में नहीं आना है और शिंदे साहेब को जिताने के लिए जी जान लगा देनी है।
आश्रम के बाहर लोगों से बात की तो पूछने से पहले ही हर कोई बोल रहा, यहां तो शिंदे साहब। शिंदे को गद्दार कहे जाने के बारे में पूछा तो महेश जाधव बोले उद्धव ने खुद अपने पिता के साथ धोखा किया है, कांग्रेस के साथ जाकर। वे किस मुंह से शिंदे को गद्दार कह रहे हैं। शिंदे ने बाला साहेब और आनंद दिघे से सिद्धांतों पर चल कर खुद को उनका अनुयायी साबित किया है।
आश्रम के पास ही वकील बिलाल हक से बात हुई तो बोले, इलाके में शिंदे साहब का प्रभाव है। वे जीत भी जाएंगे लेकिन महाराष्ट्र में इतने दल हो गए हैं कि लोग कन्फयूज हो गए हैं। यहां पर एक अन्य वकील से बात हुई तो बोले जीत हार अहम होती है लेकिन सवाल यह है कि क्या इस बार यहां से जीतने के बाद फिर से शिंदे साहब सीएम बन पाएंगे।
यह भी पढ़ें - Birsa Munda: ‘जिन्हें कोई नहीं पूछता, उसे मोदी पूजता है’ जनजातीय गौरव दिवस पर आदिवासी समाज के योगदान पर बोले PM Modi
Updated on:
19 Nov 2024 06:12 pm
Published on:
18 Nov 2024 11:25 am
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
