
1500 की आबादी वाले गांव में 27 हजार बच्चों का पंजीकरण किया गया।( File Photo - Patrika )
27,398 births in three months : महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के 1,500 की आबादी वाले एक गांव में महज तीन महीनों में 27,398 "विलंबित जन्म पंजीकरण" दर्ज किए गए, जिसके चलते अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर साइबर धोखाधड़ी की आशंका के मद्देनजर जांच शुरू कर दी है।
जिला सूचना अधिकारी ने कहा है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए गए सतर्कता अभियान के दौरान यह अनियमितता सामने आई। अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा अवैध और विलंबित जन्म-मृत्यु पंजीकरणों को रद्द करने के हालिया आदेश के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने सितंबर और नवंबर के बीच रिकॉर्ड की जांच करने के लिए एक कार्यक्रम शुरू किया है।
हालांकि, महाराष्ट्र के अरनी तालुका के शेंदुरसानी ग्राम पंचायत (Shendursani gram panchayat) की जन्म-मृत्यु पंजीकरण प्रणाली में दर्ज आंकड़ों ने उन्हें चौंका दिया। स्वास्थ्य विभाग की विज्ञप्ति में कहा गया है कि तीन महीनों में 27,000 से अधिक विलंबित जन्मों का पंजीकरण हुआ। इसमें कहा गया है कि गांव की आबादी मात्र 1,500 होने के कारण इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के जन्म का पंजीकरण एक गंभीर खोज का मामला है।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी और जिला रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) को निष्कर्षों के बारे में सूचित किया गया था और उन्होंने बाद में यवतमाल जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मंदार पटकी को इसकी जानकारी दी। पटकी ने एक जांच समिति का गठन किया और विस्तार से जांच के आदेश दे दिए।
जांच में यह निष्कर्ष निकला कि 27,398 जन्म अभिलेखों में से 27,397 और सात मृत्यु अभिलेख पंचायत क्षेत्र से संबंधित नहीं हैं और संदिग्ध हैं, जिससे यह असंभव हो जाता है कि इतनी बड़ी संख्या में अभिलेख ग्राम पंचायत के माध्यम से पंजीकृत किए गए हों। इसके बाद मामले को तकनीकी जांच के लिए पुणे के स्वास्थ्य सेवा उप निदेशक को भेज दिया गया।
विज्ञप्ति में कहा गया है, "राज्य स्तरीय लॉगिन जांच से पता चला कि शेंदुरसानी ग्राम पंचायत की सीआरएस (नागरिक पंजीकरण प्रणाली) आईडी मुंबई से जुड़ी हुई थी। इसके बाद इसे आगे की जांच के लिए भारत के अतिरिक्त रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय और राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी), दिल्ली को भेजा गया।"
11 दिसंबर को प्राप्त तकनीकी जांच रिपोर्ट के अनुसार, ये रिकॉर्ड साइबर धोखाधड़ी की संभावना के दायरे में आते हैं और इस संबंध में यवतमाल के सिटी पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है।
इस बीच, जिला स्वास्थ्य अधिकारी और जिला रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) ने यवतमाल के सभी जन्म-मृत्यु रजिस्ट्रारों से अपील की है कि वे अपनी सीआरएस आईडी, पासवर्ड या ओटीपी किसी के साथ साझा न करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें।
Published on:
19 Dec 2025 03:11 pm
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