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एक्ट्रेस से बर्बरता मामले में फेमस एक्टर के बरी होने के बाद बढ़ा बवाल, अब जांच अधिकारी ने DGP को पत्र लिखकर क्या कहा?

केरल में मलयाली एक्ट्रेस की किडनैपिंग और छेड़छाड़ मामले में 6 आरोपियों को 20 साल की कैद हुई है। दिलीप पर साजिश रचने का आरोप था, लेकिन सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया।

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मलयाली एक्टर दिलीप। (फोटो- X/@Dileeponline)

केरल में मलयाली एक्ट्रेस की किडनैपिंग और छेड़छाड़ का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। 8 दिसंबर 2025 को एर्नाकुलम की अदालत ने इस मामले में छह आरोपियों को 20 साल कैद की सजा सुनाई।

इस मामले में मशहूर मलयाली अभिनेता दिलीप पर आरोप था कि उन्होंने इस अपराध की साजिश रची थी, लेकिन अदालत ने सबूतों के आभाव में उन्हें बरी कर दिया। इसी को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है।

एडवोकेट एसोसिएशन के दावे से मची खलबली

हाल ही में केरल हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन ने एक बड़ा खुलासा किया था। उन्होंने दावा किया था एक्ट्रेस के मामले में आदेश आने से एक हफ्ते पहले ही फैसले से जुड़ा एक पत्र लिक हो गया था। जिसमें खुलकर बताया गया था कि एक्टर दिलीप को बरी कर दिया जाएगा। केवल छह लोगों के खिलाफ सजा सुनाई जाएगी।

इस पर एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट यशवंत शेनॉय ने कहा कि फैसले की जांच होनी चाहिए, क्योंकि यह न्यायिक प्रणाली की पवित्रता पर सवाल उठाता है।

अब जांच अधिकारी ने भी की कार्रवाई की मांग

अब 2017 में इस एक्ट्रेस के साथ हुई बर्बरता की जांच करने वाले अधिकरी ने बैजू पॉलोस ने केरल के पुलिस चीफ को लेटर लिखकर कोर्ट के आदेश से पहले ही फैसला लीक होने की जांच की मांग की है।

बैजू ने 'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' से बात करते हुए कहा कि उन्होंने लेटर के माध्यम से किसी तरह की शिकायत नहीं की है। वह केवल राज्य के पुलिस चीफ को कोर्ट के फैसले की डिटेल्स वाले गुमनाम लेटर से जुड़ी चिंताओं से अवगत कराना चाहते हैं।

क्या बोले डीएसपी?

डीएसपी बैजू ने कहा- जांच ऑफिसर के तौर पर यह मेरी ड्यूटी है कि मैं अपने सीनियर ऑफिसर्स को केस से जुड़े सभी मामलों की जानकारी दूं। बता दें कि कोर्ट का फैसला आने के बाद पीड़िता ने भी निराशा जताई है।

पीड़िता ने फैसले को लेकर क्या कहा?

पीड़िता ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि 8 साल, 9 महीने और 23 दिन बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि यह फैसला उनके लिए कोई हैरानी की बात नहीं है, क्योंकि उन्हें पहले से ही लगता था कि देश में हर नागरिक के साथ कानून के सामने समान व्यवहार नहीं होता है।

उधर, केरल सरकार ने फैसले की समीक्षा करने और जरूरी कार्रवाई करने का फैसला किया है। संस्कृति मंत्री साजी चेरियन ने कहा है कि सरकार फैसले की समीक्षा करेगी और जरूरी कार्रवाई की जाएगी।