मिली जानकारी के अनुसार ममता बनर्जी की कैबिनेट में बाबुल सुप्रियो, स्नेहाशीष चक्रवर्ती, पार्थ भौमिकी, उदयन गुहा, प्रदीब मजूमदार को जगह मिली है। इनके अलावा स्वंत्रत प्रभार मंत्री के रूप में बिप्लब रॉय चौधरी, बीरबाह हसदा और राज्यमंत्री के रूप में ताजमुल हुसैन और सत्यजीत बर्मन को जगह मिली है। उल्लेखनीय हो कि शिक्षा विभाग में हुए घोटाले और उसकी जांच के दौरान टीएमसी से निलंबित मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर के करोड़ों रुपए कैश बरामद होने के बाद से ही ममता बनर्जी सरकार में फेरबदल की चर्चा चल रही थी।
2021 में सत्ता में आने के बाद कैबिनेट में पहला बदलाव-
एसएससी घोटाले में नाम आने के बाद पूर्व उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी को कैबिनेट के साथ-साथ पार्टी से भी हटा दिया गया था। बताते चले कि साल 2021 में सत्ता में आने के बाद ममता बनर्जी कैबिनेट में यह पहला बदलाव है। इस समय टीएमसी पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार सरकार चला रही है। साल 2011 में टीएमसी के सत्ता में आने के बाद यह ममता सरकार का अब तक का सबसे बड़ा फेरबदल बताया जा रहा है।
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सीएम ममता बनर्जी खुद संभाल रही थी 11 विभागों का बोझ-
एसएससी घोटाले के आरोपी पार्थ चटर्जी के पास उद्योग, वाणिज्य, सार्वजनिक उपक्रम और संसदीय कार्य समेत पांच महत्वपूर्ण विभाग थे। इसके अलावा सुब्रत मुखर्जी और साधन पांडे की मृत्यु हो गई है। ऐसे में कैबिनेट में नए मंत्रियों को शामिल किया जाना जरूरी हो गया था। सीएम ममता बनर्जी खुद अभी 11 विभागों का बोझ संभाल रही थी। ऐसे में अब नए मंत्रियों के कैबिनेट में आने के बाद काम का दवाब थोड़ा कम होगा।