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आने वाला है खतरनाक भूकंप…बदल जाएगा गंगा नदी का रास्ता! पहले भी भयानक Earthquake ने बदला था गंगा का रूट

Earthquake: करीब 2,500 साल पहले भीषण भूकंप के कारण गंगा नदी का रूट बदल गया था। इस तरह के भूकंप से इसका रूट फिर बदल सकता है।

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ganaga nadi

Earthquake: करीब 2,500 साल पहले भीषण भूकंप के कारण गंगा नदी का रूट बदल गया था। इस तरह के भूकंप से इसका रूट फिर बदल सकता है। एक नए शोध में यह आशंका जताई गई। बांग्लादेश में गंगा को ‘पद्मा’ के नाम से जाना जाता है। वहां यह ढाका से करीब 50 किलोमीटर दूर दक्षिण में बहती है। वैज्ञानिकों ने सैटेलाइट इमेजरी से पाया कि कभी यह ढाका से 100 किलोमीटर दूर बहती थी। शोध में बताया गया कि बहाव में बदलाव से नया नदी चैनल बना और पिछला छूट गया। ऐसा रिक्टर पैमाने पर सात या आठ की तीव्रता वाले भूकंप के कारण हुआ।
नीदरलैंड्स की वेगेनिंगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के नेचर कम्यू्निकेशन जर्नल में छपे शोध के मुताबिक पहले यह पुष्टि नहीं हुई थी कि भूकंप किसी नदी के डेल्टा में कटाव ला सकता है। अगर भूकंप गंगा जैसी विशाल नदी का रूट बदल सकता है तो ऐसी आपदा से निश्चित तौर पर दूसरी नदियों ने भी रास्ता बदला होगा। जब नदियों में तलछट का भार बहुत ज्यादा होता है तो भूकंप और बाढ़ के दौरान उनका रास्ता बदल सकता है।

आसपास के निचले इलाकों के लिए खतरा

शोधकर्ताओं का कहना है कि बड़े नदी नेटवर्क का भूकंप-प्रेरित कटाव इसके आसपास के निचले इलाकों के लिए बड़ा खतरा है। भारत में गंगा की सहायक नदी कोसी ने 2008 में मौसमी बाढ़ के दौरान रास्ता 120 किलोमीटर से ज्यादा बदला था। इससे 30 लाख लोग विस्थापित हुए और 250 से ज्यादा की जान गई। प्राकृतिक आपदाएं बंगाल बेसिन में ज्यादा विनाशकारी हो सकती हैं।

दो देशों में 2,525 किमी लंबा सफर

दुनिया की सबसे बड़ी नदियों में से एक गंगा पश्चिमी हिमालय में गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है। पूर्व की ओर बहते हुए यह बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इस दौरान यह भारत और बांग्लादेश में 2,525 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय करती है। भारत में यह उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरती है।