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दिल्ली में तीनों MCD के एकीकरण का रास्‍ता साफ, कानून पर लगी राष्‍ट्रपति की मुहर

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की तीनों नगर निगम के एकीकरण का रास्ता साफ हो गया है। संसद के दोनों सदनों में विधेयक के पास होने के बाद अब इस कानून पर राष्ट्रपति की मुहर भी लग गई है। इसके साथ ही दिल्ली की तीनों नगर निगम आपस में जुड़कर एक हो गई हैं।

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MCD Unification Law Approved By President Ramnath Kovind Now All 3 MCD Merged

MCD Unification Law Approved By President Ramnath Kovind Now All 3 MCD Merged

दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने का बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद अब उसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी कानून को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने वाला विधेयक संसद में पेश किया था और कहा था कि एक नगर निगम होने से उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही दिल्ली के तीनों निगमों को एक करने वाला विधेयक कानून बन चुका है। इसके लिए कानून मंत्रालय की सेक्रेटरी डॉ. रीता वशिष्ठ की ओर से इस संबंध गजट नोट‍िफ‍िकेशन जारी कर दिया गया है।

दिल्ली नगर निगम एकीकरण बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही निगमों के एकीकरण वाला विधेयक तत्काल प्रभाव से कानून बन गया है। यानी अब राजधानी दिल्ली में साउथ, ईस्ट, नॉर्थ दिल्ली नगर निगम नहीं बल्कि सिर्फ दिल्ली नगर निगम होगा।

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बता दें कि इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने इस बिल के पेश करते हुए बताया था कि, दिल्ली देश की राजधानी है और यहां की तीनों नगर निगमों एक लाख 40 हजार कर्मचारी काम करते हैं। राष्ट्रपति और पीएम के निवास समेत तमाम केंद्रीय दफ्तर यहीं पर स्थित हैं।

देशी-विदेशी यात्राओं के लिए दिल्ली बड़ा केंद्र है। ऐसे में इस शहर के बारे में सभी को सोचने की जरूरत है। उन्होंने नगर निगम के बंटवारे को लेकर भी यूपीए सरकार पर सवाल उठाए थे और कहा कि निगम के बंटवारे का फैसला समझ से बाहर है साल 2012 तक तीनों MCD एक ही हुआ करती थीं लेकिन यूपीए सरकार ने बेहतर कामकाज का हवाला देकर MCD को तीन हिस्सों में बांट दिया था।

अगर साउथ एमसीडी को छोड़ दें तो बाकी दोनों निगमों की आर्थिक हालत काफी खस्ता है और वे अपने कर्मचारियों की सैलरी तक नहीं दे पा रहे हैं। नतीजा कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं और दिल्ली कचरे के ढेर में तब्दील हो जाती है।

अभी नहीं होंगे चुनाव
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब तीनों MCD के चुनाव में थोड़ा वक्त लगेगा। दरअसल अब डीलिमिटेशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी और परिसीमन पूरा होने के बाद ही चुनाव कराए जाएंगे। फिलहाल दिल्ली में विपक्षी दल बीजेपी के पास एमसीडी की सत्ता है। दिल्ली की तीनों MCD में फिलहाल अलग-अलग तीन महापौर हैं लेकिन एक निगम होने के बाद यह व्यवस्था भी खत्म हो जाएगी। यही नहीं परिसीमन के दौरान वार्ड की संख्या में भी बदलाव आएगा।

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