
Reports on Tired Staff : अधिकतर भारतीय कर्मचारी ऑफिस में थके-थके से नजर आते हैं। यह खुलासा उद्योग संगठन फिक्की (FICCI) और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) की एक रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम 58 फीसदी भारतीय कर्मचारी कार्यस्थल पर सुस्ती और थकान महसूस करते हैं जो वैश्विक औसत 48 फीसदी के मुकाबले काफी अधिक है। फिक्की और बीसीजी की साझा रिपोर्ट ‘इंडिया एचआर रिवोल्यूशन: बिल्डिंग वर्कप्लेस फॉर द फ्यूचर’ में कहा गया है कि धारणा के विपरीत यह थकावट अत्यधिक काम करने की वजह से नहीं बल्कि कंपनियों में अत्यधिक मीटिंग्स, सहयोग की मांग और लगातार इंटरैक्शन करते रहने के कारण है।
रिपोर्ट में कहा गया, ऑफिस में किसी भी टास्क को पूरा करने के लिए ज्यादा और बार-बार बातचीत की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है, जो कर्मचारियों के तनाव और स्ट्रेस लेवल को बढ़ा रहा है। कंपनियों में बातचीत की बढ़ती जरूरत वर्कर्स के लिए सिरदर्द साबित हो रही है। इस सर्वे में कहा गया है कि इस थकान के चलते नौकरी छोड़ने की दर बढ़ी है। कर्मचारियों की प्रोडक्टिविटी पर भी बुरा असर पड़ा है। कर्मचारियों की बात नहीं सुनी जाने की स्थिति भी इस थकान की बड़ी वजह है। ऐसे में मोटिवेशन से लेकर चाइल्डकेयर-हेल्थकेयर सर्विसेज, फ्लेक्सिबल वर्क आवर्स के साथ कर्मचारियों की बातें सुनना और उनके इश्यूज को सॉल्व करना जरूरी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अगर किसी कर्मचारी को लगता है कि वह अपने कार्यस्थल पर अधिक सक्रिय है और कंपनी या संस्था भी उसकी मदद के लिए तत्पर है तो उसे कम थकावट महसूस हो सकती है। रिपोर्ट में कहा गया कि नियोक्ताओं को अपने कर्मचारियों के प्रति गहरी समझ हासिल करनी चाहिए, जिस तरह वे अपने ग्राहकों को समझते हैं ताकि उन्हें भी खुश, प्रेरित और अपने साथ बनाए रखा जा सके।
रिपोर्ट के मुताबिक, 72 फीसदी कंपनियां अपने कर्मियों के वर्क-लाइफ बैलेंस को सुविधाजनक बनाने के लिए गौर कर रही हैं। कंपनियों के एचआर अधिकारी इस स्थिति को संभालने के लिए एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। करीब 45 फीसदी भारतीय कंपनियां अपने एचआर प्रॉसेस में जेनरेटिव एआई का इस्तेमाल कर रही हैं और इससे 93 फीसदी कंपनियों में कार्य क्षमता और उत्पादकता बेहतर हुई है।
Updated on:
05 Sept 2024 01:05 pm
Published on:
05 Sept 2024 12:21 pm
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
