‘देश के अंदर बैठे दुश्मन ज्यादा खतरनाक’, हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा- PM चला रहे शुद्धीकरण अभियान, हर भारतवासी उनके साथ
PFI सहित 9 देशविरोधी संगठनों पर लगाए गए प्रतिबंध का उत्तरप्रदेश, असम, हरियाणा सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने स्वागत किया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने ट्वीट करते हुए कहा कि “मैं भारत सरकार द्वारा PFI पर लगे प्रतिबंध का स्वागत करता हूं। उन्होंने इसे मोदी युग का भारत निर्णायक और साहसिक निर्णय बताया।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ट्वीट करते हुए कहा कि “राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल PFI और उससे जुड़े संगठनों पर प्रतिबंध लगाना सराहनीय कदम है। यह ‘नया भारत’ है, यहां आतंकी, आपराधिक और राष्ट्र की एकता, अखंडता व सुरक्षा के लिए खतरा बने संगठन एवं व्यक्ति स्वीकार्य नहीं हैं।
राज्यसभा सांसद अरुण सिंह ने PFI पर लगे प्रतिबंध का किया स्वागत, बताया NIA क्यों कर रही जांच
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) 22 सितंबर को देश के 13 राज्यों में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ छापेमारी की थी। इस दौरान PFI के 106 सदस्यों को गिरफ्तार भी किया गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस छापेमारी के दौरान NIA के हाथ टेरर फंडिंग, टेरर मॉड्यूल तैयार करने, सिमी सहित कई आतंकी संगठनों के साथ संबंध रखने के साथ ही कई अन्य गंभीर आरोपों से जुड़े दस्तावेज हाथ लगे हैं।
PFI के 106 सदस्य गिरफ्तार, विरोध में ‘NIA गो बैक’ के लगे नारे
बीते दिन मंगलवार को NIA, यूपी ATS और यूपी STP ने उत्तरप्रदेश सहित 8 राज्यों में PFI के ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 170 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था। PFI सोशल मीडिया के जरिए लगातार युवाओं को देश विरोधी गतिविधियों में शामिल करने के लिए काम कर रहा था, जिसके कारण उत्तरप्रदेश ने पहले ही इस पर बैन लगाने की मांग की थी।
गृह मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन में बताया गया है कि PFI, इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) जैसे कई आतंकी संगठनों के साथ मिलकर देश विरोधी गतिविधियों में शामिल है, जिसकी पुष्टि करते हुए कई अहम सबूत जांच एजेंसियों के हाथ लगे हैं।
PFI का सदस्य शफीक पायेथ को NIA ने गिरफ्तार किया था, जिसने पूछताछ के दौरान बताया कि इसी साल 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना रैली में हमला करने की योजना थी। इसके लिए ट्रैनिंग कैंप भी लगाया गया था।