
एमपी—छत्तीसगढ़ सहित 16 राज्यों में भारी की चेतावनी (Photo- IANS)
Monsoon 2025 Update: दक्षिण-पश्चिम मानसून तय समय से आठ दिन पहले शनिवार को केरल पहुंच गया। पिछले 16 साल में पहली बार इसने इतनी जल्दी दस्तक दी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की यह भविष्यवाणी सटीक साबित हुई कि इस बार मानसून एक हफ्ते पहले पहुंच सकता है। केरल में मानसून के आगमन के लिए सभी अनुकूल परिस्थितियां तैयार हो चुकी थीं। पिछले दो दिन में राज्य के कई हिस्सों में झमाझम बारिश हो रही है।
आईएमडी ने केरल, तटीय कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा में कई जगह अगले चार-पांच दिन में भारी बारिश की संभावना जताई है। केरल और तटीय कर्नाटक में 29 मई तक अत्यधिक बारिश हो सकती है। इस दौरान 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी।
तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी अगले पांच दिन में छिटपुट बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं। दक्षिण कोंकण तट के पास पूर्व-मध्य अरब सागर पर दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इससे मानसून को आगे बढऩे में मदद मिल सकती है। आईएमडी ने अप्रेल में 2025 के मानसून सीजन में सामान्य से ज्यादा बारिश का अनुमान जताया था। उसने अल नीनो की संभावना को खारिज कर दिया था। अल नीनो के सक्रिय होने से भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम बारिश होती है।
मौसम विभाग के मुताबिक राजस्थान में आम तौर पर मानसून 25 जून को पहुंचता है, लेकिन इस बार 20 जून को दस्तक दे सकता है। मध्य प्रदेश में यह 15-16 जून को एंट्री ले सकता है। आम तौर पर इस राज्य में यह 18-22 जून को पहुंचता है। पिछले साल 21 जून को पहुंचा था। इसी तरह छत्तीसगढ़ में यह 13 जून तक पहुंचता है, लेकिन इस बार 7-8 जून को पहुंच सकता है। हालांकि मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मानसून की शुरुआत की तारीख और पूरे देश में इसके सक्रिय होने के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। यानी केरल में इसके जल्दी आगमन का मतलब यह नहीं है कि देश के अन्य हिस्सों को भी उसी हिसाब से कवर करेगा। बीच में अटकने से इसके आगे बढऩे में देर भी हो सकती है।
आईएमडी के मुताबिक अगले कुछ दिन 15 राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। इन राज्यों में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, केरल, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा, बिहार, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, असम और मेघालय शामिल हैं। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में तेज हवाओं और बिजली के साथ मध्यम बारिश के आसार हैं। अरब सागर में दबाव का क्षेत्र विकसित हो रहा है। इससे समुद्र में हलचल बढऩे की संभावना है।
पिछली बार मानसून इतनी जल्दी 2009 और 2001 में पहुंचा था। दोनों बार इसने 23 मई को दस्तक दी थी। इसने 1918 में सबसे जल्दी पहुंचने का रेकॉर्ड बनाया था। तब यह 11 मई को केरल पहुंचा था। मानसून में देरी का रेकॉर्ड 1972 में बना था, जब इसने 18 जून को दस्तक दी थी। पिछले 25 साल में सबसे देरी से आगमन 2016 में हुआ था, जब मानसून ने 9 जून को केरल में प्रवेश किया। पिछले साल मानसून ने 30 मई को दस्तक दी थी।
मानसून आम तौर पर केरल में एक जून को दस्तक देता है। यह 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है और 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू करता है। यह 15 अक्तूबर तक पूरी तरह विदा हो जाता है।
Published on:
25 May 2025 10:01 am
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