
(प्रतीकात्मक फोटो)
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के इच्छापुरम क्षेत्र से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 15 वर्षीय लड़की को उसकी मां ने लगभग दो वर्षों तक घर के एक अंधेरे कमरे में बंद करके रखा। पीरियड्स शुरू होने के बाद मां ने लड़की को घर से बाहर निकलने तक नहीं दिया। इस दौरान वह न स्कूल गई और न ही धूप या ताजी हवा देख सकी।
लड़की की मां भाग्यलक्ष्मी मूल रूप से ओडिशा के कटक निवासी नरसिंहराजू की पत्नी थी। 2007 में शादी के बाद प्रसव के लिए मायके आई थीं, यहीं बेटी का जन्म हुआ। कुछ साल बाद पति की मौत हो गई, जिसके बाद भाग्यलक्ष्मी मानसिक तनाव से जूझने लगी। बेटी कक्षा 9 में पढ़ रही थी, तभी 2022 में पहली बार पीरियड आने पर भाग्यलक्ष्मी का व्यवहार अचानक असामान्य हो गया। अंधविश्वास के चलते उसे डर था कि बेटी बाहर जाएगी तो कोई खतरा हो सकता है। यही सोचकर उसने बेटी को कमरे में बंद कर दिया, घर की बिजली भी काट दी और खुद भी अंधेरे में रहने लगी।
पड़ोसियों ने कई बार स्थिति पर आपत्ति जताई, लेकिन भाग्यलक्ष्मी झगड़ा कर लेती थी, इसलिए कोई हस्तक्षेप नहीं कर सका। जब महीनों तक लड़की स्कूल नहीं पहुंची, तो स्थानीय आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने मामला आईसीडीएस अधिकारी राजेश्वरी को बताया। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मजिस्ट्रेट के आदेश से तहसीलदार, पुलिस और विभागीय अधिकारियों की टीम ने दरवाजा तोड़कर लड़की को बाहर निकाला।
अधिकारी यह देख दंग रह गए कि लंबे समय तक अंधेरे व कुपोषण के कारण वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थी। डॉक्टरों ने मां की मानसिक स्थिति असामान्य पाई और उसे इलाज के लिए विशाखापट्टनम भेज दिया गया। फिलहाल लड़की को श्रीकाकुलम बालिका संरक्षण केंद्र में रखा गया है।
Published on:
21 Nov 2025 05:16 pm
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