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संसद भवन उद्घाटन पर कौन दल किसके साथ, समर्थक-विरोधियों की सदन में कितनी ताकत,जानें पूरी डिटेल्स

New Parliament Building : लगभग ढाई साल के भीतर नई संसद भवन बनकर तैयार हो गई है। 28 मई को पीएम मोदी इसका उद्घाटन करने वाले हैं। इसी बात को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से न कराना राष्ट्रपति पद का अपमान है।इससे लोकतंत्र खतरे में आ जाएगा। वहीं बीजेपी का कहना है जब आपकी पार्टी के नेता संसद भवन की इमारतों का उद्घाटन कर सकते हैं तो पीएम मोदी क्यों नहीं कर सकते।

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New Parliament Building : 28 मई को देश में नए संसद भवन का उद्घाटन होना है। प्रधानमंत्री मोदी इसका उद्घाटन करने वाले हैं। 10 दिसंबर 2020 को पीएम मोदी ने ही इस भवन के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया था और करीब 28 साल के भीतर यह बिल्डिंग बनकर तैयार हो गई है। अब बीजेपी नई संसद भवन के उद्घाटन समारोह को देश के लिए गौरव का पल मानते हुए जश्न मना रही है। उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर बीजेपी के समर्थन में 15 और दल आए हैं। वही देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी से नए संसद भवन के उद्घाटन का विरोध करते हुए कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है। उनके साथ बहिष्कार करने वाले 20 और विपक्षी दल हैं और सबका कहना है यह लोकतांत्रिक तरीके से ठीक नहीं है। बीजेपी देश के लोकतांत्रिक मूल्य को खत्म करना चाहती है। राष्ट्रपति मुर्मू के उद्घाटन न करा कर, बीजेपी उनके पद का अपमान करने का काम कर रही है।


जब से इस मामले को राजनीतिक रंग दिया गया है तभी से देश के सभी दल इस मुद्दे को लेकर 2 टीमों में बंट गए हैं। मसला लगभग एनडीए बनाम यूपीए हो गया है। लेकिन इसमें कुछ विपक्षी दल भी बीजेपी के साथ जा खड़े हुए हैं। ऐसे में यह जानते हैं कि कौन से दल किसके साथ हैं और उनके गणित क्या कहते हैं।

बता दें कि यह मामला तब बिगड़ा जब 18 मई को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रधानमंत्री मोदी को नए भवन का उद्घाटन करने के लिए न्योता भेजा। इस पर विपक्षी दलों ने विरोध करना शुरू कर दिया। विपक्षी दलों का कहना है कि यह संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से उद्घाटन न कराना, उनके पद का अपमान करना है। बीजेपी बस चुनावी फायदे के लिए राष्ट्रपति मुर्मू का इस्तेमाल करती है, लेकिन द्रौपदी मुर्मू के प्रति उनके मन में कोई इज्जत नहीं है।

इन 21 विपक्षी दलों ने किया बहिष्कार

21 विपक्षी दलों ने बायकॉट का ऐलान किया है। इन दलों में कांग्रेस, DMK (द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम), AAP, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), समाजवादी पार्टी, भाकपा, झामुमो, केरल कांग्रेस (मणि), विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची, RLD, TMC, JDU, NCP, CPI (M), RJD, AIMIM, AIUDF (ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनल कॉन्फ्रेंस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और AIADMK शामिल हैं।

इस उद्घाटन कार्यक्रम का जिन पार्टियों ने बहिष्कार किया है, अगर संसद में इनकी सीटों के आंकड़े को देखा जाए तो लोकसभा में उनकी संख्या कुल 147 और राज्यसभा में 96 है।

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टोटल 16 दल समर्थन में

नई संसद के उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर कुल 16 दल साथ आ गए हैं। इन दलों में BJP, शिवसेना (शिंदे गुट), नेशनल पीपल्स पार्टी(NPP), नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP), सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP), अपना दल - सोनीलाल, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया, तमिल मनीला कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, आजसू (झारखंड), मिजो नेशनल फ्रंट, YSRCP, TDP, BJD और शिरोमणि अकाली दल शामिल है।

नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए जाने के समर्थन में जो दल आए हैं, अगर संसद में इनकी सीटों के आंकड़ों को देखा जाए तो लोकसभा में उनकी कुल ताकत 366 और राज्यसभा में 120 है। मौजूदा समय में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के पास लोकसभा का लगभग 68% और राज्यसभा का लगभग 51% समर्थन प्राप्त है।

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