
Insurance Policy: लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी की सरेंडर वैल्यू से जुड़ा नया नियम लागू हो गया है। अब पॉलिसी सरेंडर करने पर बीमाधारकों को पहले की तुलना में ज्यादा पैसे रिफंड में मिलेंगे। नए नियमों के मुताबिक, अब इंश्योरेंस कंपनियों को पॉलिसी पर स्पेशल सरेंडर वैल्यू (एसएसवी) देनी पड़ेगी। साथ ही इंश्योरेंस सरेंडर करने की प्रक्रिया को भी आसान किया गया है, ताकि पसंद नहीं आने पर पॉलिसीहोल्डर्स को इंश्योरेंस प्लान बदलने में आसानी हो।
इंश्योरेंस में 'सरेंडर वैल्यू' वो राशि से है, जो मैच्योरिटी से पहले पॉलिसी लौटाने पर बीमा कंपनी की तरफ से पॉलिसीहोल्डर्स को भुगतान की जाती है। नए नियमों के मुताबिक, सभी इंश्योरेंस कंपनियों को स्पेशल सरेंडर वैल्यू (एसएसवी) को बेहतर करना पड़ेगा। एसएसवी में देखा जाएगा कि ग्राहकों ने कितना प्रीमियम चुका दिया है और उस पर बीमाधारक को क्या लाभ मिलने वाला था। स्पेशल सरेंडर वैल्यू की हर साल समीक्षा भी की जाएगी।
1 साल 60,000 31,295 62.59%
2 साल 1,20,000 67,284 67.28%
3 साल 1,80,000 1,08,495 72.33%
4 साल 2,40,000 1,55,510 77.76%
5 साल 3,00,000 2,08,967 83.59%
7 साल 4,20,000 3,38,083 96.60%
9 साल 5,40,000 5,02,235 111.7%
पुराने नियमों के मुताबिक, एक साल बाद पॉलिसी सरेंडर करने पर रिफंड का प्रावधान नहीं था। यानी अगर आप एक साल के अंदर पॉलिसी सरेंडर करते तो आपको प्रीमियम का कुछ भी वापस नहीं मिलता। वहीं, 2 साल बाद पॉलिसी सरेंडर करने पर कुल चुकाए गए प्रीमियम की 30% रकम मिलती। 3 साल बाद पॉलिसी सरेंडर पर 35%, चार से 7 साल के बीच 50% और पॉलिसी की मैच्योरिटी से 2 साल पहले सरेंडर करने पर 90% सरेंडर वैल्यू मिलती। पर नए नियमों के मुताबिक, पॉलिसीहोल्डर को पहले साल में भी पॉलिसी सरेंडर करने पर रिफंड देना होगा।
नई व्यवस्था के तहत स्पेशल सरेंडर वैल्यू कम से कम मौजूदा पेडअप सम एश्योर्ड के बराबर होनी चाहिए। मान लीजिए आपने 10 लाख रुपए की कोई पॉलिसी ली है, जो 10 साल में मैच्योर होनी है। लेकिन आप उसे सिर्फ 2 साल तक ही चला पाए, तो ऐसे में आप सिर्फ 2 लाख रुपए के सम-एश्योर्ड के हकदार होंगे। बीमाधारकों को पेडअप सम एश्योर्ड के साथ साथ पेड-अप फ्यूचर बेनेफिट्स भी मिलेंगे।
5 साल से कम की लिमिटेड प्रीमियम पेमेंट अवधि वाली पॉलिसीज के लिए और सिंगल प्रीमियम पॉलिसी के लिए एसएसवी पहले साल के प्रीमियम भुगतान के बाद तुरंत देय होगा। सरेंडर वैल्यू पर ब्याज का कैलकुलेशन 10 साल की गवर्नमेंट बॉन्ड यील्ड पर करना होगा। बीमा कंपनियों को इसके ऊपर अधिकतम 50 बेसिस प्वाइंट की कुशनिंग मिलेगी, यानी वो पॉलिसीधारको को बॉन्ड यील्ड के ऊपर 0.5% तक अधिक ब्याज दे सकेंगी।
Updated on:
04 Oct 2024 08:21 am
Published on:
02 Oct 2024 09:25 am
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