
Rahul Gandhi Attacks PM Modi: लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर कटाक्ष किया है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत में प्रतिभा तो है, लेकिन युवाओं को रोजगार देने के लिए नई प्रौद्योगिकी में औद्योगिक कौशल विकसित करने के लिए उसे खोखले शब्दों की नहीं, बल्कि मजबूत उत्पादन आधार की जरूरत है। राहुल गांधी ने शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट में इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे चीन ने ड्रोन का उत्पादन शुरू कर दिया है जो दुनिया भर में युद्ध में क्रांति ला रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बनने के लिए रणनीति विकसित करने की जरूरत है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि ड्रोन ने युद्ध में क्रांति ला दी है, बैटरी, मोटर और ऑप्टिक्स को मिलाकर अभूतपूर्व तरीके से युद्ध के मैदान में युद्धाभ्यास और संचार किया है। लेकिन ड्रोन सिर्फ़ एक तकनीक नहीं है, वे एक मजबूत औद्योगिक प्रणाली द्वारा उत्पादित नीचे से ऊपर तक के नवाचार हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए पोस्ट में कहा कि दुर्भाग्य से पीएम मोदी इसे समझने में विफल रहे हैं। जबकि वह एआई पर 'टेलीप्रॉम्प्टर' भाषण देते हैं, हमारे प्रतिस्पर्धी नई तकनीकों में महारत हासिल कर रहे हैं। भारत को खोखले शब्दों की नहीं, बल्कि एक मजबूत उत्पादन आधार की आवश्यकता है।
लाहौर से अमृतसर, नरोवाल से फिरोजपुर और बहावलनगर से श्रीगंगानगर- पिछले तीन सालों में ये तीन मुख्य मार्ग के जरिए पाकिस्तान से भारत के सीमावर्ती इलाकों में ड्रग्स और हथियार पहुंचाने वाले ड्रोन सबसे ज़्यादा संख्या में आए हैं। सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने दिल्ली और पंजाब में अपने ड्रोन फ़ोरेंसिक लैब में लगभग 500 ड्रोन के उड़ान पथों का विश्लेषण करने के बाद यह बात का खुलाया किया है।
इन मानवरहित हवाई वाहनों की फोरेंसिक जांच से पता चला है कि सबसे अधिक 184 ड्रोन लाहौर से शुरू हुए और अमृतसर सीमा क्षेत्र में उतरे। 42 ड्रोन ने नारोवाल सीमा क्षेत्र से अपनी यात्रा शुरू की और फिरोजपुर सीमा क्षेत्र में उतरे। नारोवाल से 14 ड्रोन गुरदासपुर सीमा क्षेत्र में पहुंचे। गृह मंत्रालय (एमएचए) के एक अधिकारी ने बताया, "पंजाब के अलावा बहावलनगर से छह अलग-अलग ड्रोन आए और राजस्थान के श्रीगंगानगर सीमा क्षेत्र में पहुंचे। दो ड्रोन टोबा टेक सिंह से बीकानेर सीमा क्षेत्र में उतरे है।
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, गृह मंत्रालय के अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली फोरेंसिक लैब को मार्च 2022 से जनवरी 2025 तक 307 ड्रोन मिले। इनमें से बीएसएफ ने 284 ड्रोन, पंजाब पुलिस ने 20, दिल्ली पुलिस ने दो और मणिपुर पुलिस ने एक ड्रोन जमा किया। अधिकारी ने कहा कि 2022 में 28 ड्रोन जांच के लिए भेजे गए, जबकि 2023 में 115 ड्रोन, पिछले साल 155 और इस साल अब तक नौ ड्रोन भेजे गए। अमृतसर फोरेंसिक लैब के आंकड़ों से पता चलता है कि उसे जांच के लिए 194 ड्रोन मिले थे। अधिकारियों ने कहा, इन 194 में से 190 बीएसएफ, तीन पंजाब पुलिस और एक सेना ने भेजे थे।
एक सूत्र ने बताया कि ये ड्रोन ज्यादातर चीन में बने हैं और काफी सस्ते हैं। पाकिस्तान से भारत में ड्रग्स, हथियार, गोला-बारूद और नकली मुद्रा लाते हैं। ड्रोन को ज़्यादातर पंजाब के अबोहर, फिरोजपुर, तरनतारन, अमृतसर, गुरदासपुर और पठानकोट जिलों में तकनीकी अवरोधन के ज़रिए गिराया गया, जिसमें तरनतारन और अमृतसर से सबसे ज़्यादा बरामदगी हुई।
Updated on:
15 Feb 2025 03:17 pm
Published on:
15 Feb 2025 01:47 pm
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