
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह। (Photo-IANS)
Counter-terrorism policy: केंद्र सरकार देश की पहली आतंकवाद-विरोधी नीति तैयार कर रही है। इस पर गृह मंत्रालय विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों व चुनिंदा राज्यों के साथ मिलकर प्रारंभिक कवायद कर चुका है। गृह मंत्री अमित शाह ने नवंबर 2024 में घोषणा की थी कि राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी नीति और रणनीति पेश की जाएगी।
संभावित नीति के रूप में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए अगली पीढ़ी की रणनीति तैयार करने पर मंथन के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने शुक्रवार से दिल्ली में दो दिवसीय आतंकवाद निरोधी सम्मेलन बुलाया है। गृहमंत्री अमित शाह इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। सम्मेलन में सभी सुरक्षा बलों, एजेंसियों के साथ फोरेंसिक एक्सपर्ट एक मंच पर भारत सरकार की भावी रणनीति पर मंथन करेंगे।
गृहमंत्रालय के मुताबिक सम्मेलन में ऑपरेशनल फोर्सों, तकनीकी, कानूनी और फोरेंसिक विशेषज्ञों और आतंकवाद विरोधी गतिविधियों में लगी एजेंसियों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले मुद्दों और आतंकवाद से उत्पन्न होने वाले खतरों पर विचार-विमर्श होगा। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य 'होल ऑफ द गवर्नमेंट अप्रोच' की भावना से आतंकवाद के खतरे के खिलाफ कार्रवाई के लिए औपचारिक चैनल स्थापित करके सभी पक्षों के बीच तालमेल विकसित करना और भविष्य की नीति निर्माण के लिए ठोस सुझाव प्रस्तुत करना है।
दो दिवसीय सम्मेलन में होने वाली चर्चा में आतंकवाद विरोधी मुद्दों से निपटने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अनुभवों और अच्छी प्रथाओं और आतंकी जांच से मिली सीख साझा की जाएगी। इसमें विदेशी क्षेत्रों से सबूत जुटाने, डिजिटल फोरेंसिक और डेटा विश्लेषण, मुकदमे का प्रभावी प्रबंधन, कट्टरवाद से निपटना, जासूसी और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते हाईब्रिड खतरों सहित आतंकवाद से संबंधित अन्य विषयों पर सत्र शामिल हैं।
इसके अलावा आतंकवाद वित्तपोषण नेटवर्क को बाधित करने के टूल्स, तकनीक और केस स्टडी, भविष्य के लिए आतंकवाद विरोधी रणनीतियों का निर्माण और उभरते राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों से निपटने के लिए संस्थागत क्षमताओं के निर्माण पर सत्रों को भी शामिल किया गया है।
Published on:
26 Dec 2025 06:34 am
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