ऑपरेशन गंगा के तहत स्वदेश लौटने वाले मेडिकल छात्रों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। केंद्र सरकार ने इस संबंध में फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंसिंग एक्ट में बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है। इसक मकसद यूक्रेन से लौटे छात्र और छात्राओं का भविष्य खराब होने से बचाना है।
यूक्रेन से आए MBBS छात्रों के सामने बड़ी मुश्किल, भारतीय शिक्षण संस्थानों में नहीं कर पा रहे नामांकन
इसी कड़ी में नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने एक सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर के मुताबिक यूक्रेन से वापस आने वाले छात्र अब भारत में ही अपनी एक साल की इंटर्नशिप को पूरा कर सकते हैं।
Amid the ongoing evacuation of Indian medical students from #Ukraine, National Medical Commission (NMC) allows Foreign Medical Graduates with incomplete internships due to compelling situations like the Covid19 & war...to apply to complete internships in India if they clear FMGE pic.twitter.com/tqxeCNPdYy
— ANI (@ANI) March 5, 2022
एनएमसी ने दिया ये तर्क
स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप करने की इजाजत देने के पीछे एनएमसी ने बड़ा तर्क दिया है। इसके लिए कोरोना महामारी या युद्ध के समय चीजे काबू में न रहने का हवाला दिया गया है।
एनएमसी ने यह सर्कुलर अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर भी जारी किया है। इससे संबंधित ज्यादा जानकारी के लिए स्टूडेंट्स nmc.org.in पर जाकर इसे पढ़ सकते हैं।
योग्य माना जाएगा इंटर्नशिप का आवेदन
एनएमसी ने बताया है कि कई मेडिकल ग्रेजुएट छात्र रूस-यूक्रेन जंग की वजह से अपनी इंटर्नशिप पूरी नहीं कर पाए हैं। इन छात्रों की परेशानी को देखते हुए उनके भारत में इंटर्नशिप के आवेदन को योग्य माना जाएगा।
एनएमसी के मुताबिक राज्य की काउंसिल इस बात का ध्यान रखेगी कि यूक्रेन से भारत आए छात्रों ने एनबीई की ओर से आयोजित FMGI परीक्षा को पास किया हो। अगर छात्र सभी योग्यताओं को पूरा करते हैं तो उन्हें राज्य चिकित्सा परिषद की ओर से 12 महीने की इंटर्नशिप के लिए अंतरिम पंजीकरण दिया जाएगा।