वित्त मंत्री ने कहा, “हमने इस तरह की महामारी कभी नहीं देखी। हम सभी ये सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे थे कि हमारे निर्वाचन क्षेत्रों में लोगों को अतिरिक्त मदद दी जाए। मैं मानती हूं कि सभी-सांसदों और राज्य सरकारों ने अपनी भूमिका निभाई है। अन्यथा, भारत आज वहाँ नहीं होता जहां आज उसकी तुलना बाकी दुनिया के देशों से की जा रही है।”
वित्त मंत्री ने आगे कहा, “इसलिए, मैं इसके लिए भारत के लोगों को पूरी तरह से श्रेय देता हूं। प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, हम सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में पहचाने जाने में सक्षम हैं।”
महंगाई कम करने की कोशिश में जुटी है सरकार
निर्मला सीतारमण ने कहा, “वैश्विक एजेंसियों की रिपोर्ट में भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना हुआ है। इस सदन मौजूद सभी सदस्य चाहे वो किसी भी दल का हो, देश और अपने लोगों पर गर्व महसूस करना चाहिए।” उन्होंने इस दौरान कहा कि “महामारी, ओमीक्रोन, रूस-यूक्रेन (युद्ध)के अलावा कई परेशानियाँ सामने आईं। आज भी चीन में हालात लॉकडाउन में हैं, फिर भी हमने इन्फ्लेशन को 7 फीसदी या उससे कम बनाए रखा।”
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GST कलेक्शन 1.4 लाख करोड़केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘2012-13 में CPI आधारित महंगाई 10.05%, 2013-14 में 9.38%, 2014-15 में 5.83% और 2015-16 में 4.91% थी। 2020-2021 में ये 6.16% थी, लेकिन ये 10% की तुलना में कुछ भी है।’ इस दौरान उन्होंने जानकारी दी कि पिछले पाँच महीने से लगातार GST कलेक्शन 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। जून माह में 8 इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में डबल डिजिट में वृद्धि हुई है।
भारत में मंदी का सवाल नहीं
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि ‘अमेरिका की GDP में दूसरी तीमाही में 0.9% की गिरावट दर्ज की गई , पहली तिमाही में 1.6% की गिरावट आई और इसे अमेरिका ने अनोपचारिक मंदी करार दिया। भारत में तो मंदी का सवाल ही नहीं उठता। ब्लूमबर्ग की सर्वे में भी ये बात कही गई है कि भारत में मंदी की संभावना न के बराबर है।’
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अन्य देशों की तुलना में भारत बेहतर स्थिति मेंउन्होंने कहा, “चीन में 4,000 बैंकों के दिवालिया होने की खबर है। भारत में, शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों का सकल NPA (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) 2022 में 5 साल के निचले स्तर 5.9 प्रतिशत पर है। इसलिए हमारे NPA में सुधार हो रहा है। सरकार जापान, ग्रीस, भूटान, सिंगापुर, अमेरिका, पुर्तगाल, स्पेन, फ्रांस, श्रीलंका और कनाडा समेत कई देशों का जीडीपी रेशों तीन अंकों में है, लेकिन केंद्र सरकार ने बहुत सोच-समझकर अपने कर्ज को नियंत्रित किया। IMF डेटा के अनुसार भारत अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है।”