
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि करवा चौथ पर उपवास नहीं करना पत्नी की व्यक्तिगत पसंद-नापसंद का मामला है। इसे वैवाहिक संबंधों में क्रूरता नहीं माना जा सकता और सिर्फ इस आधार पर तलाक नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि अलग-अलग धार्मिक मान्यताएं मानना और कुछ धार्मिक कर्तव्यों का पालन न करना अपने आप में क्रूरता और वैवाहिक बंधन तोड़ने के लिए पर्याप्त नहीं है। जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने पारिवारिक न्यायालय के तलाक स्वीकृत करने के फैसले के खिलाफ पत्नी की अपील पर फैसला देते हुए यह टिप्पणी की। हालांकि कोर्ट ने अन्य कारणों का हवाला देते हुए पारिवारिक न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा।
बंदियों की स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए कमेटी बनाने के निर्देश
दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी की जेलों में बंदियों की स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में सुधार के लिए सुझाव देने के लिए दिल्ली सरकार को एक कमेटी गठित करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि प्रत्येक बंदी को जीवन और मानवीय उपचार का अधिकार है।
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जेल अस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं हैं या नहीं
जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि कमेटी में महानिदेशक (जेल), दिल्ली जेल के सीएमओ, मध्य जिला न्यायाधीश द्वारा नामित दो वरिष्ठ जेल विजिटिंग मजिस्ट्रेट, अधिवक्ता संजय दीवान और गायत्री पुरी सदस्य होंगे। यह कमेटी यह भी बताएगी कि कार्डियक अरेस्ट और रक्तस्राव जैसी आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए जेल अस्पताल में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं या नहीं।
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Published on:
23 Dec 2023 08:58 am
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