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Omicron की चपेट में दुनिया 108 देश, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- भारत में पांच राज्यों ने बढ़ाई सरकार की चिंता

Omicron वैरिएंट की चपेट में दुनिया के 108 देश। वहीं भारत में भी इस वैरिएंट का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार की चिंता भी बढ़ गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से ये जानकारी शुक्रवार को दी गई। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि बढ़ते खतरे से निपटने के लिए सतर्क रहना बहुत जरूरी है।

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Omicron Variant in India Health Secretary Rajesh Bhushan says Five state Increased the Government's concern

नई दिल्ली। भारत में कोरोनावायरस ( Coronavirus In India ) के मामलों में भले ही कमी देखने को मिल रही है, लेकिन ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) के बढ़ते मामलों की वजह से केंद्र सरकार की चिंता बढ़ गई है। ये बात केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मलेन के दौरान कही। मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया कि दुनिया में कोरोना की चौथी लहर देखने को मिल रही है। कुल मिलाकर पॉजिटिविटी रेट 6.1 फीसदी है। अब तक ओमिक्रॉन वैरिएंट 108 देशों को अपनी चपेट में ले चुका है। वहीं देश में ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या 358 हो गई है, जिसने सरकार की चिंता बढ़ा दी है।

इन 5 राज्यों ने बढ़ाई चिंता

भूषण ने कहा, देश में 20 जिले ऐसे हैं, जहां केस पॉजिटिविटी रेट 5-10 फीसदी है। इनमें से 9 केरल में और 8 मिजोरम में हैं। 2 जिले ऐसे हैं, जहां पॉजिटिविटी केस 10 प्रतिशत से ज्यादा है। ये दो जिले मिजोरम में हैं। फिलहाल सबसे अधिक सक्रिय मामले वाले शीर्ष पांच राज्य केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक हैं, जिन्होंने चिंता बढ़ा रखी है।

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इसलिए खतरनाक है ओमिक्रॉन

स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश के 20 जिले ऐसे हैं, जहां पर पॉजिटिविटी रेट 5 से 10 फीसदी है। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि फिलहाल हमें सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि WHO ने तीन वजह बताईं, जिस वजह से ओमिक्रॉन को खतरनाक माना जा रहा है। पहली वजह- ग्लोबल केस की संख्या ज्यादा है। दूसरी वजह- ऐसा लगता है कि इम्यून एस्केप का पोटेंशियल ज्यादा है और तीसरी वजह- यह पिछले संस्करणों के मुकाबले संक्रामक भी ज्यादा है।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि, यूरोप, उत्तरी अमरीका और अफ्रीका में सप्ताह-दर-सप्ताह कोविड मामलों में वृद्धि देखी जा रही है। हालांकि एशिया में फिलहाल राहत है, क्योंकि यहां सप्ताह-दर-सप्ताह मामलों में गिरावट देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि, क्रिसमस और 31 दिसंबर की वजह से मार्केट में भीड़ बढ़ गई है। लोग बिना मास्क लगाए, बिना सामाजिक दूरी बनाए खरीददारी में जुटे हुए हैं। जो आने वाले समय में खतरनाक साबित हो सकता है।

भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बचें

भूषण ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक वैक्सीनेशन यहां तक बूस्टर डोज लेने के बाद भी हमें सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसा नहीं है कि बूस्टर डोज लेने के बाद हम पार्टी, त्योहार या फिर सार्वजनिक कार्यक्रमों में भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जा सकते हैं। ऐसा करना नए खतरे को निमंत्रण देना होगा।

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भारत में दो लहर, दुनिया कर रही चौथी का सामना


स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, भारत में दो लहरें आई हैं। पहली सितंबर 2020 और दूसरी मई 2021 में। जबकि दुनिया इस वक्त चौथी लहर का सामना कर रही है। ऐसे में हमें सावधान रहने की जरूरत है। मास्क, सैनिटाइजेशन के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग बहुत जरूरी है। इसके अलावा जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है वे जरूरी इसे लें।