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वैज्ञानिकों ने बताया कि Omciron को लेकर भारत में सबसे ज्यादा खराब स्थिति फरवरी में आने की उम्मीद है। इस दौरान मामलों की संख्या 1.5 लाख से 1.8 लाख हो रोजाना हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि यह तभी हो सकता है जब ओमिक्रॉन वेरिएंट वैक्सीनेशन या संक्रमित होने के बाद बने इम्युनिटी से पूरी तरह बच निकलता है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक फरवरी के बाद अगले महीने से ही ओमिक्रॉन में गिरावट आ सकती है।
स्टडी के हवाले से यह भी कहा गया है कि इससे भारत को चिंतित होने की बजाय सावधान रहने की जरूरत है। शोध करने वाले वैज्ञानिकों ने यह भी दावा किया है कि फरवरी के बाद अगले ही महीने ओमिक्रॉन के मामले घट सकते हैं। जो राहत देने वाले होंगे।
साउथ अफ्रीका में आने लगी गिरावट
दक्षिण अफ्रीका में मामलों की संख्या तीन सप्ताह में चरम पर जाने के बाद गिरावट शुरू हो चुकी है। दक्षिण अफ्रीका में कोविड के मामलों की औसत संख्या 15 दिसंबर को लगभग 23,000 के उच्च स्तर पर रही। अब 20,000 से नीचे आना शुरू हो गई है।
उन्होंने कहा कि अगर यूके और संयुक्त राज्य अमरीका के मामलों, मौतों और अस्पताल में भर्ती मरीजों के डेटा से अनुमान लगाया जाए तो फरवरी से ओमिक्रॉन संक्रमण का भारत में पीक आना संभावित है।