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ONOE Bill: कांग्रेस का One Nation One Election को लेकर भाजपा पर ‘दो तिहाई बहुमत’ का प्रहार, समझें पूरा कैलकुलेशन

One Nation One Elections Update:लोकसभा अध्यक्ष ने आज सदन में विधेयक पेश करने पर हुए मतदान के नतीजे की घोषणा की। मतदान में 269 सदस्यों ने पक्ष में (हां में) और 196 ने विपक्ष में (नहीं में) वोट दिया।

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One Nation One Elections

One Nation One Elections Update

One Nation One Election Bill: संविधान (129सवां संशोधन) विधेयक 2024 और केंद्र शासित प्रदेश कानून (बिल) विधेयक 2024 को सदस्यों द्वारा मतदान के बाद औपचारिक रूप से लोकसभा में पेश किया गया। विधेयक में 'एक राष्ट्र एक चुनाव' या लोकसभा और राज्य विधानसभाओं दोनों के लिए एक साथ चुनाव प्रस्तावित हैं। विधेयक को विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजा जाएगा।

269 पक्ष में और 196 ने विपक्ष में दिया वोट

लोकसभा अध्यक्ष ने आज यानी मंगलवार, 17 दिसंबर को सदन में विधेयक पेश करने पर हुए मतदान के नतीजे की घोषणा की। मतदान में 269 सदस्यों ने पक्ष में (हां में) और 196 ने विपक्ष में (नहीं में) वोट दिया। इसके बाद कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' पर संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 को औपचारिक रूप से पेश किया। लोकसभा में बोलते हुए अमित शाह ने कहा, "जब एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक को मंजूरी के लिए कैबिनेट में लाया गया था, तो पीएम मोदी ने कहा था कि इसे विस्तृत चर्चा के लिए JPC को भेजा जाना चाहिए। अगर कानून मंत्री इस विधेयक को जेपीसी को भेजने के लिए तैयार हैं, तो इसे पेश करने पर चर्चा समाप्त हो सकती है।"

कांग्रेस ने वोटों के अंतर पर उठाए सवाल

'एक राष्ट्र, एक चुनाव' विधेयक के आलोचकों ने इस अंतर पर सवाल उठाया। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने ई-वोटिंग सिस्टम के स्क्रीनशॉट के साथ एक्स पर कहा, "कुल 461 वोटों में से दो-तिहाई बहुमत (यानी, 307) की आवश्यकता थी... लेकिन सरकार को केवल (269) वोट मिले, जबकि विपक्ष को 198 मिले। 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' प्रस्ताव दो-तिहाई समर्थन हासिल करने में विफल रहा।" इससे पता चलता है कि सरकार के पास इस चरण में भी विधेयकों को पारित करने के लिए समर्थन की कमी है।

'पारित करने के लिए 2/3 बहुमत की आवश्यकता होगी'

कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर के सहयोगी शशि थरूर ने भी संख्या में स्पष्ट अंतर की ओर ध्यान दिलाया। सदन की कार्यवाही कुछ देर के लिए स्थगित होने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "निस्संदेह सरकार के पास अधिक संख्या है, लेकिन इसे (संविधान संशोधन विधेयक को) पारित करने के लिए आपको 2/3 बहुमत की आवश्यकता होगी, जो स्पष्ट रूप से उनके पास नहीं है। इसलिए यह स्पष्ट है कि उन्हें इस पर अधिक समय तक अड़े नहीं रहना चाहिए।" नियमों के अनुसार, संविधान में इन संशोधनों को लोकसभा में पारित होने के लिए उपस्थित और मतदान करने वाले दो-तिहाई सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होगी। कांग्रेस ने आज के दिन का उदाहरण देते हुए बताया कि संविधान संशोधन विधेयक को पेश करने के लिए मतदान में 461 सदस्यों ने हिस्सा लिया। यदि विधेयक को पारित करने के लिए मतदान होता तो 461 में से 307 को इसके पक्ष में मतदान करना होता, लेकिन केवल 269 ने ही ऐसा किया, जिसके कारण कांग्रेस को कहना पड़ा कि, "इस विधेयक को समर्थन प्राप्त नहीं है। कई पार्टियों ने इसके खिलाफ बोला है।"

JPS के पास भेजा गया बिल

फिलहाल, बिल को संयुक्त समिति के पास भेजा जाएगा, जिसका गठन प्रत्येक पार्टी की लोकसभा संख्या के आधार पर किया जाएगा। इसका मतलब यह होगा कि भाजपा के पास अधिकतम सदस्य होंगे और वह समिति का नेतृत्व करेगी।

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