
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा
Sam Pitroda Controversial Statement: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा के पड़ोसी देशों खासकर पाकिस्तान और बांग्लादेश को 'घर जैसा' बताने वाले बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी, इसे भारत की सुरक्षा और भू-राजनीतिक चिंताओं को नजरअंदाज करने वाला बयान करार दिया। पित्रोदा ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनका इरादा साझा सांस्कृतिक इतिहास पर जोर देना था, न कि आतंकवाद या तनावों को कम आंकना।
एक साक्षात्कार में पित्रोदा ने पड़ोस नीति को भारत के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा था कि पाकिस्तान और बांग्लादेश की उनकी यात्राओं में उन्हें 'घर जैसा' महसूस हुआ। उन्होंने 'विश्वगुरु' की अवधारणा को मिथक करार देते हुए वास्तविक प्रभाव और आपसी विश्वास पर आधारित विदेश नीति की वकालत की। इस बयान पर भाजपा ने कड़ा ऐतराज जताया, इसे भारत के खिलाफ आतंकवाद और भू-राजनीतिक चुनौतियों को हल्का करने वाला करार दिया। भाजपा नेताओं ने इसे कांग्रेस की 'तुष्टिकरण नीति' का हिस्सा बताया और राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल उठाए।
विवाद बढ़ने पर पित्रोदा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सफाई दी। उन्होंने कहा, मेरा उद्देश्य साझा इतिहास और लोगों के बीच रिश्तों पर जोर देना था, न कि आतंकवाद, संघर्ष या भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न गंभीर चुनौतियों को नजरअंदाज करना। उन्होंने स्पष्ट किया कि 'घर जैसा' कहने का मतलब सांस्कृतिक और सामाजिक समानताओं को रेखांकित करना था। पित्रोदा ने 'विश्वगुरु' की अवधारणा पर अपनी टिप्पणी को भी स्पष्ट करते हुए कहा कि विदेश नीति को दिखावे के बजाय शांति, स्थिरता और आपसी विश्वास पर केंद्रित होना चाहिए।
पित्रोदा ने अपने बयान में लोकतंत्र की रक्षा, मुक्त और निष्पक्ष चुनाव, संस्थाओं को मजबूत करने, युवाओं को सशक्त बनाने और अल्पसंख्यक अधिकारों की सुरक्षा पर बल दिया। उन्होंने कहा, ये कोई दलगत मुद्दे नहीं, बल्कि हमारी राष्ट्रीय पहचान और मूल्यों का हिस्सा हैं। उन्होंने विभाजनकारी राजनीति का विरोध करने की अपील की और भारत की वैश्विक छवि को ठोस और जिम्मेदार दृष्टिकोण से मजबूत करने की बात कही।
पित्रोदा ने कहा कि यदि उनके शब्दों से किसी को भ्रम हुआ तो उनका इरादा किसी की पीड़ा को कम आंकना या वैध चिंताओं को नजरअंदाज करना नहीं था। उन्होंने ईमानदार संवाद, सहानुभूति और जिम्मेदार दृष्टिकोण को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने भविष्य में पारदर्शिता, सम्मानजनक संवाद और ऐसी नीतियों पर जोर दिया जो भारत की संस्थाओं, नागरिक समाज, सुरक्षा और संरक्षा को मजबूत करें।
यह विवाद ऐसे समय में उभरा है जब भारत-पाकिस्तान संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं, खासकर हाल के ऑपरेशन सिंदूर के बाद, जिसमें भारतीय सेना ने पीओके में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था। पित्रोदा का बयान और उस पर भाजपा का हमला कांग्रेस और भाजपा के बीच वैचारिक मतभेदों को और गहरा सकता है।
Published on:
19 Sept 2025 09:55 pm
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