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PAK आतंकी अशरफ का खुलासा, हाईकोर्ट बम धमाकों में था शामिल, ISI के आकाओं के आदेश पर करता था खास काम

Delhi में पकड़ाए पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद अशरफ ने पूछताछ में कई खुलासे किए हैं, उसने बताया कि पाकिस्तानी हैंडलर नासिर उसके काम के हिसाब से पैसा देता था। भारत से जब भी कोई सूचना भेजी जाती थी, उस सूचना के आधार पर पैसा मिलता था। Jammu Kashmir जाने के लिए उसे ज्यादा पैसे मिलते थे

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Dheeraj Sharma

Oct 13, 2021

Terrorist in Delhi

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ( Delhi Police ) की स्पेशल सेल ने मंगलवार को जिस संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकी ( Terrorist )मोहम्मद अशरफ ( Moh Ashraf ) को पकड़ा था उसने पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। गिरफ्तार आतंकी मोहम्मद अशरफ देश में पिछले सालों में हुई आतंकी वारदातों में शामिल रहा है। यही नहीं अशरफ वर्ष 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के सामने हुए बम धमाकों का भी हिस्सा रहा है।

संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकी अशरफ को ब्लास्ट में शामिल एक संदिग्ध की फोटो दिखाई गई तो अशरफ ने बताया कि उसने ही हाईकोर्ट की रेकी की थी। बता दें कि बीते 24 घंटों में अशरफ से NIA, RAW और MI ने भी लंबी पूछताछ की है।

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दिल्ली हाईकोर्ट धमाकों से पहले की रैकी
गिरफ्तार आतंकी अशरफ ने बताया कि उसने दिल्ली हाईकोर्ट की कई बार रैकी की थी। वह पूर्वी दिल्ली से दिल्ली हाईकोर्ट गया था। अशरफ ने बताया कि कई बार रेकी की लेकिन ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई, क्योंकि पुलिस हेडक्वाटर के बाहर लोगों को रुकने नहीं देते थे।

यही नहीं अशरफ पूछताछ के दौरान ये भी खुलासा किया है कि जम्मू कश्मीर में आतंकियों ने उसके सामने सेना के कई जवानों का अपहरण कर लिया था। कुछ समय बंधक बनाकर रखने के बाद उनकी गला रेतकर हत्या कर दी गई थी।

पाकिस्तानी हैंडलर ने दी लोकेशन की जानकारी
पूछताछ के दौरान इस बात का खुलासा हुआ है कि अशरफ को उसके पाकिस्तान हैंडलर नासिर ने हथियारों को सही जगह पहुंचाने के लिए लोकेशन भेजी थी। नारिस ने अशरफ के मोबाइल पर उस जगह की लोकेशन भेजी थी जहां कालिंदी कुंज घाट में हथियार छिपाए थे।

उसे व्हाटसएप पर कहा गया था कि भाईजान सामान की डिलीवर लेने जाना है। स्पेशल सेल ने मोहम्मद अशरफ की निशानदेही पर कालिंदी कुंज यमुना घाट से हथियार व विस्फोटक बरामद कर लिए। हथियारों को पत्थरों के नीचे दबाकर छिपाया गया था।

अशरफ ने अब तक किए कई खुलासे
- अशरफ ने बताया कि 2009 में जम्मू में बस स्टैंड पर किया था ब्लास्ट, 3-4 लोगों की हुई थी मौत
- ISI के अफसर नासिर के कहने पर किए हमले
- वर्ष 2011 में दिल्ली हाई कोर्ट ब्लास्ट की रेकी अशरफ ने ही की थी। धमाका करने के लिए 2 पाकिस्तानी आए थे जिसमें से एक का नाम गुलाम सरवर था
- घाटी में 5 आर्मी के जवानों की बेरहमी से हत्या की बात कबूली
- ISI के अफसर नासिर के कहने पर कई बार जम्मू कश्मीर में हथियार सप्लाई करने गया था
- ISI अफसर से बात हमेशा ई-मेल के जरिए होती थी

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जम्मू-कश्मीर जाने मिलते ज्यादा पैसे
अशरफ ने बताया कि हैंडलर नासिर उसे काम के मुताबिक पैसे देता था। भारत से जब भी कोई सूचना भेजी जाती उस सूचना के आधार पर पैसा दिया जाता था।

सबसे ज्यादा पैसा जम्मू कश्मीर जाने के लिए मिलता था। अशरफ ने पूछताछ में बताया कि वो 30 बार से ज्यादा जम्मू कश्मीर जा चुका है।