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हम उनकी निंदा करते हैं…आप उनके भोज में शामिल होते हैं, खड़गे का पाकिस्तान को लेकर पीएम मोदी पर हमला

Parliament Monsoon Session: मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम पाकिस्तान की निंदा करते रहेंगे। हम उनकी निंदा करते हैं और आप उनके भोज में शामिल होते हैं और उन्हें गले लगाते हैं।

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नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Photo-ANI)

Parliament Monsoon Session: ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी की कड़ी निंदा की। कांग्रेस सांसद ने इस हमले में जान गंवाने वाले लोगों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। खड़गे ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उनकी चूक की वजह से आम लोगों को जान गंवानी पड़ी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक दिन आपका अहंकार जरूर टूटेगा।

'एक दिन आपके अहंकार को तोड़ने वाले लोग आएंगे'

राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और मैंने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, लेकिन पत्र का कोई जवाब नहीं आया। हमारे पत्रों को कूड़ेदान में डाल दिया जाता है। वे उसे पढ़ते तक नहीं। अगर आपमें इतना अहंकार है, तो एक दिन आपके अहंकार को तोड़ने वाले लोग आएंगे। यह ठीक नहीं है। आपके पास एक-दो वाक्य लिखने का भी समय नहीं है। लोगों के गले पड़ने की फुर्सत है।

'हम उनकी निंदा करते हैं, आप उन्हें गले लगाते हैं'

नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पूरे देश और इस सदन के साथ, मैं (पहलगाम में) हुए बर्बर हमले और पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को लगातार दिए जा रहे समर्थन की निंदा करता हूं। हमने पहले भी पाकिस्तान की निंदा की थी, हम आज भी उनकी निंदा करते हैं और अगर कल भी ऐसा ही चलता रहा, तो हम उनकी निंदा करते रहेंगे। लेकिन यहां, हम उनकी निंदा करते हैं और आप उनके भोज में शामिल होते हैं और उन्हें गले लगाते हैं।

'मेहंदी वाले हाथों ने पति की लाश उठाई है'

राज्यसभा एलओपी मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मैं पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं उनके परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना भी व्यक्त करता हूं। मैं कहना चाहता हूं- मेहंदी वाले हाथों ने पति की लाश उठाई है, बेबस रोते बच्चों ने पापा की जान गंवई है, अश्रु भरे लाचार खादी बेबस नारी को देखा है, पहलगाम घाटी मैंने अपनों को मरते देखा है।