
Sexual Harassment Case: पंजाब की मोहाली के पॉक्सो कोर्ट ने 2018 के बलात्कार मामले में पादरी बजिंदर सिंह को दोषी ठहराया। कोर्ट एक अप्रैैल को इस मामले सजा सुनाएगा। कोर्ट ने अन्य 5 आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। जीरकपुर पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर चमत्कार के जरिए बीमारियों को ठीक करने का दावा करने वाले जालंधर के पादरी बजिंदर सिंह सहित कुल 7 लोगों पर केस दर्ज किया था। साल 2018 में ढाबा चलाने वाली एक महिला ने धार्मिक उपदेशक बजिंदर पर बलात्कार और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया था। महिला ने आरोप लगाया था कि बजिंदर ने उसके भरोसे का फायदा उठाया और बाद में अश्लील वीडियो के जरिए उसे धमकाया।
पुलिस के अनुसार, पीड़िता 2017 में बजिंदर के संपर्क में आई थी, जब उसने बोर्ड परीक्षाओं में उसकी मदद करने का वादा किया था। समय के साथ वह उसके कार्यक्रमों में सुरक्षा के लिए जिम्मेदार स्वयंसेवकों की टीम का हिस्सा बन गई।
पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि बजिंदर ने मोहाली के सेक्टर 63 में अपने आवास पर उसके साथ बलात्कार किया और इस घटना का वीडियो बना लिया। बाद में महिलाओं को धमकाने के लिए वीडियो का इस्तेमाल किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उसने उसकी मांगों का पालन करने से इनकार कर दिया तो वह इसके वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे। उसकी शिकायत के बाद, जीरकपुर पुलिस ने बजिंदर के खिलाफ मामला दर्ज किया।
जालंधर में रहने वाले बजिंदर सिंह 'द चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम' का नेतृत्व करते हैं। वह खुद को पैगंबर बजिंदर कहते हैं। वह 2012 में ईसाई धर्म प्रचारक बन गए, उनके समर्थकों का दावा है कि उनके चर्च की भारत और विदेशों में कई शाखाएं हैं। चर्च में ऐसे समागम होते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में लोग अपनी बीमारियों के इलाज की उम्मीद में आते हैं। इन समागमों का सीधा प्रसारण यूट्यूब चैनल 'प्रोफेट बजिंदर सिंह' पर किया जाता है। इस चैनल के 3.74 मिलियन सब्सक्राइबर हैं।
स्वयंभू पादरी सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न, धोखाधड़ी और हेराफेरी के मामले दर्ज हैं। 2017 में उन पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा था। उन पर आयकर विभाग ने छापेमारी भी की थी। 2018 में, उन्हें पंजाब के ज़ीरकपुर की एक महिला को विदेश यात्रा में सहायता का झूठा वादा करके उसके साथ बलात्कार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन पर यौन उत्पीड़न का भी आरोप है, लेकिन इस साल मार्च में दर्ज मामले में उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया।
सिंह के सहयोगियों- जतिंदर, अकबर अली, सितार अली, सुच्चा सिंह, राजेश चौधरी और संदीप पहलवान का भी नाम केस दर्ज है। जिरकपुर पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धाराओं 376 (बलात्कार), 420 (धोखाधड़ी), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना), 294 (अश्लीलता), 323 (चोट पहुंचाना) और 506 (आपराधिक धमकी) तथा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 67 (यौन रूप से स्पष्ट सामग्री प्रसारित करना) के तहत दर्ज प्राथमिकी में दर्ज किया गया है।
Updated on:
28 Mar 2025 06:47 pm
Published on:
28 Mar 2025 03:46 pm
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