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बदला पटना मेट्रो का डिजाइन, जमीन के नीचे होगा PMCH मेट्रो स्टेशन, अस्पताल परिसर में खुलेंगे दो गेट

पटना मेट्रो रेल परियोजना फेज दो कॉरिडोर के अंडरग्राउंड हिस्से पटना जंक्शन से राजेंद्र नगर तक का काम जल्द शुरू होगा। इसका सबसे अधिक लाभ पीएमसीएच आने-जाने वाले मरीजों को मिलेगा।

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Archana Keshri

Apr 04, 2022

बदला पटना मेट्रो का डिजाइन, जमीन के नीचे होगा PMCH मेट्रो स्टेशन, अस्पताल परिसर में खुलेंगे दो गेट

बदला पटना मेट्रो का डिजाइन, जमीन के नीचे होगा PMCH मेट्रो स्टेशन, अस्पताल परिसर में खुलेंगे दो गेट

बिहार की राजधानी पटना में बन रही मेट्रो के प्रस्तावित पीएमसीएच स्टेशन का अब भूमिगत निर्माण किया जाएगा। इसे पहले जमीन के ऊपर बनाने का प्रस्ताव रखा गया था। स्टेशन परिसर के अंदर प्रवेश या निकास के लिये दो द्वार होंगे। इसका फाइनल फैसला हो गया। राजधानी को जल्‍द ही मेट्रो की सुविधा मिले इसके लिए नीतीश कुमार ने मेट्रो के निर्माण स्‍थल का जायजा भी शनिवार को लिया था।

मेट्रो रेल प्रोजेक्ट काम में अब तेजी आई है। मरीजों की सुविधा के लिए पीएमसीएच को सबसे पहले मेट्रो कनेक्टिविटी देने की योजना है। पीएमसीएच मेट्रो स्टेशन की लाइन अस्पताल परिसर के नीचे से गुजरेगी। यह स्टेशन पटना मेट्रो रेल परियोजना के 14.45 किमी लंबे पटना रेलवे स्टेशन-पाटलिपुत्र बस टर्मिनल कॉरिडोर (लाइन-2) का हिस्सा होगा। प्रवेश-निकास द्वारों के दोनों ओर कनेक्टिविटी के लिए 30 मीटर का एक छोटा सब-वे भी बनाया जाएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए स्टेशन में दो लिफ्ट और तीन एस्केलेटर होंगे।

पटना मेट्रो का निर्माण कर रही दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (DMRC) के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल के अनुसार, राज्य सरकार पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) में मरीजों के लिए बेड की संख्या बढ़ाकर 4200 करने जा रही है। इसके कारण इस क्षेत्र में यातायात में भी बढ़ोतरी होगी। ऐसे में मेट्रो स्टेशन के शुरू होने से इस क्षेत्र में यातायात संबंधी चिंताएं कम कर पाना संभव हो सकेगा। मेट्रो स्टेशन बन जाने से हर दिन हजारों की संख्या में पीएमसीएच आने वाले मरीजों को आसानी होगी।

DMRC के अनुसार, पहले PMCH के पास एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन का प्रस्ताव था इस स्टेशन के डिजाइन के अनुसार इसकी लाइन को बहुत घनी आबादी वाले आवासीय व व्यावसायिक इलाकों से होकर गुजरना था। बाद में यह महसूस किया गया कि एलिवेटेड हिस्से को बनाने के लिए बड़ी संख्या में इमारतों को आंशिक या पूरी तरह से ढहाना पड़ेगा। इसके अलावा व्यस्त सड़क पर स्टेशन के निर्माण से सड़क यातायात ठप हो जायेगा, क्योंकि कैथोलिक चर्च और पीएमसीएच के बीच अशोक राजपथ बहुत संकरा है। ऐसे में डिजाइन में बदलाव किया गया।

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आपको बता दें, गंगा नदी के एक किनारे पर पीएमसीएच परिसर स्थित है और उसकी दूसरी तरफ पुराना अशोक राजपथ है। मूल रूप से 'प्रिंस ऑफ वेल्स मेडिकल कॉलेज' के नाम से जाने वाले ऐतिहासिक संस्थान की स्थापना तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स की 1921 में हुई पटना यात्रा की स्मृति में 1925 में की गई थी।

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