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Assembly Elections 2023: चुनाव मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पर बिरसा मुंडा के गांव घूम आए पीएम मोदी, आदिवासियों को क्या दिया संदेश?

First Prime Minister to visit Birsa Munda Village Ulihatu: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आदिवासियों के भगवान बिरसा मुंडा के गांव उलिहातू जाना और ऐसे मौके पर हाशिये पर खड़े इस समुदाय को सशक्त बनाने के लिए 24 हजार करोड़ की योजना लागू करने की घोषणा करना निश्चित तौर पर वर्तमान समय में चल रहे विधानसभा चुनाव पर सकारात्मक असर छोड़ेगा।

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PM Modi makes 24 thousand crore pakage for Adivasi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को विशेष रूप से कमजोर आदिवासियों के लिए 24,000 करोड़ रुपए के नए मिशन की शुरुआत की। प्रधान मंत्री विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (पीएम पीवीटीजी) मिशन का लाभ देश के करीब 28 लाख आदिवासी उठा सकेंगे। आदिवासी गौरव के प्रतीक भगवान बिरसा मुंडा की जयंती और तीसरे 'जनजातीय गौरव दिवस' के मौके पर झारखंड में खूंटी जिले के बिरसा कॉलेज मैदान में इस मिशन की शुरुआत की गई। इस मिशन को ऐसे समय लॉन्च किया गया है जब पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और दो दिन बाद दूसरे चरण का मतदान मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में होना है, जहां आदिवासियों की संख्या अच्छी खासी है।

मिशन में क्या-क्या है शामिल?

आधिकारिक तौर पर बताया गया कि मिशन के तहत दूर-दराज स्थित पीवीटीजी बस्तियों को बुनियादी सुविधाएं जैसे सड़क और दूरसंचार कनेक्टिविटी, बिजली, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण तक बेहतर पहुंच और स्थायी आजीविका के अवसर प्रदान किए जाएंगे।

मोदी ने पीएम किसान की 15वीं किस्त जारी

मोदी ने देश भर के आठ करोड़ से अधिक लाभार्थी किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की 15वीं किस्त के रूप में 18,000 करोड़ रुपए भी जारी किए। तीसरे जनजातीय गौरव दिवस का जश्न मनाते हुए, प्रधान मंत्री ने यहां एक बटन पर क्लिक करके डिजिटल रूप से राशि हस्तांतरित की। पीएम-किसान दुनिया की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) योजनाओं में से एक है जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी कृषि और अन्य आकस्मिक जरूरतों को पूरा करने में सहायता करना है। योजना के तहत लाभार्थी किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपए की वित्तीय सहायता तीन समान किस्तों में डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जाती है।

पीवीटीजी में कौन हैं शामिल?

भारत में 75 पीवीटीजी हैं। इनमें आर्थिक तौर पर बड़ी मुश्किल से जीवन-यापन करने वाले उन आदिवासी समूहों को रखा गया है जो प्राचीन पद्धति से कृषि करते हैं जिनकी आबादी या तो स्थिर है या घट रही है और जो बेहद कम साक्षर हैं। देश के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले अनुसूचित जनजातियों (एसटी) में से 75 समूहों को अलग किया गया है।

चुनावी राज्यों में अच्छी आबादी

राज्यपीवीटीजी आबादीसबसे बड़ा समूहसबसे बड़े समूह की आबादी
मध्य प्रदेश 608,639 बैगा 414, 526
छत्तीसगढ़ 116,276 बैगा 89,744
तेलंगाना 538,994 कोंडासवार 139,424
राजस्थान 111,377 सहरिया 111,377

(2011 जनगणना के अनुसार, तेलंगाना में आंध्रप्रदेश भी शामिल)

ओडिशा में सबसे ज्यादा आबादी

- 2011 की जनगणना के अनुसार, ओडिशा में पीवीटीजी की सबसे बड़ी आबादी 8.66 लाख है। इसके बाद मध्य प्रदेश में 6.09 लाख और आंध्र प्रदेश (तेलंगाना सहित) में 5.39 लाख है।

- सबसे बड़ा पीवीटीजी ओडिशा का सौरा समुदाय है, जिनकी संख्या 5.35 लाख है। बैगा समूह मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के जंगलों में फैले हुए हैं। (आबादी 89,744 है) और जीविका के लिए बड़े पैमाने पर खेती, वन उपज और मछली पकड़ने पर निर्भर हैं।

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