पूछताछ में अगवा हुए क्लर्क ने बताया कि 30 सितंबर को ड्यूटी पर जाने के लिए वह बस में चढ़ा था, लेकिन रेवाड़ी शहर में दिल्ली रोड स्थित पुलिस लाइन के पास लिंक रोड पर एक गाड़ी में सवार 3 लोगों ने उससे कुछ मिनट बात की और फिर उन्हें जबरन कार में डालकर किसी अज्ञात जगह ले गए। वहां उसे बंधक बनाकर रखा गया। रविवार रात किसी तरह मौका पाकर वह वहां से भागने में सफल रहा।
क्लर्क ने बताया कि अपहरण करने वाले शख्स उस पर पैसों के लिए लगातार दबाव डाल रहे थे, लेकिन वह अपहरण करने वाले लोगों को नहीं जानता। क्लर्क द्वारा बताई गई कहानी से इतर इस मामले में हनीट्रैप का एंगल भी सामने आया है। एक तो क्लर्क सुभाष के परिजनों ने पुलिस से हनीट्रैप की शिकायत की है। दूसरी क्लर्क के खाते से बीते पांच दिनों में 21 लाख रुपए का लेनदेन हुआ है।
मामले की जांच के लिए गांव पहुंची रक्षा मंत्रालय की टीम को यह भी पता चला था कि क्लर्क सुभाष ने गांववासियों से लाखों रुपये लिए हुए हैं। उसकी स्कूटी से एक डायरी भी मिले थे, जिसमें कई राज दर्ज होने की बात कही जा रही है। इधर मामले की जांच के लिए एसआईटी इंचार्ज सुभाष चंद ने कहा कि रक्षा मंत्रालय में कार्यरत सुभाष को सोमवार को धारूहेड़ा से बरामद कर लिया गया है। मामला लेनदेन से जुड़ा हुआ दिख रहा है। दो लोगों पर आरोप भी लगाए गए हैं। जल्द ही पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा।
मालूम हो कि सुभाष 30 सितंबर की सुबह स्कूटी पर सवार होकर ड्यूटी पर जाने के लिए रेवाड़ी गया था लेकिन वापस नहीं लौटा। शिकायत पर रामपुरा थाना पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज किया है। उसकी स्कूटी रेवाड़ी के बस स्टैंड पर मिली। जिससे एक डायरी बरामद हुई, जिसमें अनेक बातें लिखी हैं। पता चला कि 15 दिनों में उसने गांव वासियों से लाखों रुपये उधार लिए हैं। उसकी डिक्की से नये मोबाइल फोन का बिल भी मिला।