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राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शरद पवार की 21 जून की बैठक में शामिल नहीं होंगी ममता बनर्जी

टीएमसी के एक पदाधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी पूर्व व्यस्तताओं के कारण आगामी राष्ट्रपति चुनाव में शामिल नहीं हो पाएंगी, मगर उनकी जगह एक वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।

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राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शरद पवार की 21 जून की बैठक में शामिल नहीं होंगी ममता बनर्जी

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर शरद पवार की 21 जून की बैठक में शामिल नहीं होंगी ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक आम उम्मीदवार पर विचार-विमर्श करने के लिए 21 जून को NCP प्रमुख शरद पवार द्वारा बुलाई गई विपक्षी बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगी। टीएमसी के एक पदाधिकारी के अनुसार ममता बनर्जी बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगी, मगर बैठक में टीएमसी का एक नेता पार्टी का प्रतिनिधित्व करेगा।"

तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, "ममता बनर्जी बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगी क्योंकि उनकी कुछ पूर्व व्यस्तताएं हैं। उन्होंने शरद पवार जी को भी बता दिया है। लेकिन हमारी पार्टी का एक नेता वहां मौजूद रहेगा।"

बता दें, इससे पहले 15 जून को, कांग्रेस, DMK, NCP और समाजवादी पार्टी सहित 17 विपक्षी दलों ने शीर्ष पद के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के खिलाफ आम सहमति के उम्मीदवार पर चर्चा करने के लिए ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई महत्वपूर्ण बैठक में भाग लिया था। बैठक के दौरान, विपक्षी दलों ने फैसला किया कि एक आम उम्मीदवार, जो "देश के लोकतांत्रिक लोकाचार को बनाए रखेगा", विपक्षी उम्मीदवार के रूप में चुना जाएगा।

कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, NCP, DMK, RJD और वाम दलों के नेता दो घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में शामिल हुए, जबकि AAP, SAD, AIMIM, तेलंगाना राष्ट्र समिति और ओडिशा के सत्तारूढ़ बीजद ने इसमें भाग नहीं लिया। इस बैठक में शिवसेना, CPI, CPI(M), CPI(ML), नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, JD(S), RSP, IUML, RLD और JMM के नेता भी मौजूद थे।

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बैठक के दौरान, कई विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए पवार की उम्मीदवारी का समर्थन किया था। हालांकि, NCP प्रमुख ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और कहा कि वह आम आदमी की भलाई के लिए अपनी सेवा जारी रखने से खुश हैं। बताया जा रहा है कि पवार के प्रस्ताव को ठुकराने के बाद बनर्जी ने नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और सांसद फारूक अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी के नाम सुझाए।

आपको बता दें, देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होगा और इसके लिए 21 जुलाई को मतगणना होगी।

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