
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि निजी स्कूलों को छठे-सातवें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) की सिफारिशों को लागू करना चाहिए। उन्हें अपने शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को अनिवार्य वेतन के साथ अन्य लाभों का भुगतान करना चाहिए। जस्टिस चंद्रधारी सिंह ने कहा कि निजी स्कूलों के कर्मचारियों को वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार वेतन और परिलब्धियों का भुगतान करने का निहित अधिकार है। स्कूल अपने कर्मचारियों को इन लाभों से वंचित करने के लिए धन की कमी का हवाला नहीं दे सकते।
‘धन की कमी का हवाला देकर लाभ से नहीं कर सकते वंचित’
जस्टिस चंद्रधारी सिंह ने कहा कि कोई भी स्कूल किसी भी कारण का हवाला देकर सिफारिशों को माफ करने की मांग नहीं कर सकता। गैर-सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक स्कूलों को भी वेतन आयोगों की सिफारिशों के अनुसार कर्मचारियों को वेतन और अन्य लाभों का भुगतान करना चाहिए। कोर्ट ने दिल्ली के विभिन्न निजी स्कूलों के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए विस्तृत आदेश पारित किया। याचिकाओं में छठे-सातवें वेतन आयोग के लाभ और बकाया के भुगतान के साथ अन्य लाभों की मांग की गई थी।
यह भी पढ़ें- Jobs For Indians : इन देशों में नौकरियों की भरमार, अंग्रेजी नहीं आपको आनी चाहिए ये भाषाएं
दिल्ली सरकार को एचपीसी के आदेश
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को छठे-सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों और दिशा-निर्देशों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समितियों (एचपीसी) का गठन करने का निर्देश दिया। इनका गठन राज्य और केंद्रीय स्तर पर किया जाएगा। केंद्रीय समिति की अध्यक्षता दिल्ली के शिक्षा सचिव करेंगे। इसके सदस्यों में स्कूलों का एक प्रतिनिधि भी होगा।
यह भी पढ़ें- Uttarkashi Tunnel Collapse: कौन हैं अर्नोल्ड डिक्स? जो उत्तराखंड मजदूर बचाने ऑस्ट्रेलियाई से आए
Published on:
21 Nov 2023 09:07 am
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
