
कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा। (फोटो: iANS)
तालिबान के प्रतिनिधियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की एंट्री बैन होने पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार को घेरा है। प्रियंका ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी, कृपया यह स्पष्ट करें कि तालिबान के प्रतिनिधि की भारत यात्रा के दौरान उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस से महिला पत्रकारों को हटाने को लेकर आपकी क्या स्थिति है?
उन्होंने इसे भारतीय महिलाों का अपमान बताते हुए कहा कि अगर महिलाओं के अधिकारों को लेकर आपकी मान्यता सिर्फ एक चुनाव से दूसरे चुनाव तक सीमित दिखावा नहीं है, तो फिर हमारे देश में, जहां महिलाएं हमारी रीढ़ हैं, हमारी शान हैं, इतनी योग्य महिला पत्रकारों का यह अपमान कैसे होने दिया गया?
इसी मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि मैं उस घटना की ओर ध्यान दिलाना चाहती हूं जो दिल्ली में भारतीय धरती पर हुई है। तालिबान के विदेश मंत्री मुत्तकी के दौरे पर आए तालिबान प्रतिनिधिमंडल ने हमारे विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की है। इसके बाद, तालिबान के विदेश मंत्री ने दिल्ली में भारतीय धरती पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जहां महिला पत्रकारों को अनुमति नहीं दी गई।
मोइत्रा ने कहा कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस आदमी, इस तालिबानी विदेश मंत्री के लिए लाल कालीन बिछा दिया है, जिसने उस कमरे से महिलाओं को बाहर निकालने की गुस्ताखी की है जहां वह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है और हम इस प्रतिनिधिमंडल को आधिकारिक दर्जा दे रहे हैं और उन्हें प्रोटोकॉल प्रदान कर रहे हैं। मोइत्रा ने कहा कि तालिबानी नेताओं के इस हरकत का किसी पुरुष पत्रकारों ने भी विरोध नहीं किया।
मोइत्रा ने कहा, "यह भारत की महिलाओं का घोर अपमान है कि हमारी सरकार स्वेच्छा से इसमें शामिल रही और करदाताओं के पैसे से इस काम को अंजाम दिया। महिला पत्रकारों को कमरे से बाहर जाने के लिए कहा गया। आखिर हो क्या रहा है?"
उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा, "आप 'बेटी बचाओ,' भारत की महिलाओं, 'मां' और 'बहनों' वगैरह की बात कर रहे हैं। आप करदाताओं के खर्च पर एक सरकारी प्रतिनिधिमंडल, जो वास्तव में भारतीय धरती पर है, के लिए आधिकारिक प्रोटोकॉल और रेड कार्पेट की व्यवस्था कर रहे हैं, हमारे मूल्यों का अपमान कर रहे हैं और महिलाओं को कमरे से बाहर निकालने की मांग कर रहे हैं।"
इस मामले में पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने भी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता ने कहा कि मुझे इस बात पर हैरानी है कि अफगानिस्तान के अमीर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल नहीं किया गया। मुझे लगता है कि जब पुरुष पत्रकारों को पता चला कि उनकी महिला सहकर्मियों को नहीं बुलाया गया है, तो उन्हें बाहर चले जाना चाहिए था।
महिलाओं की एंट्री बैन पर होने मामला सियासी तूल पकड़ने लगा है। अब इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय का बयान आया है। मंत्रालय ने कहा कि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनका कोई रोल नहीं था। न ही उनकी तरफ से पत्रकारों को बुलाया गया था। यह प्रेस कॉन्फ्रेंस अफगानी एम्बेसी में हुई थी।
Updated on:
11 Oct 2025 11:49 am
Published on:
11 Oct 2025 11:33 am
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