
नेशनल यूएस इंडिया चैम्बर ऑफ कॉमर्स की संस्थापक और सीईओ डॉ. पूर्णिमा वोरिया। (फोटो: पत्रिका)
Pravasi Rajasthan Diwas Purnima Voria Interview: प्रवासी भारतीयों के लिए 10 को जयपुर में आयोज्य प्रवासी राजस्थानी दिवस एक शानदार उत्सव है। इस सम्मेलन में बुश-ओबामा के साथ काम कर चुकीं डॉ. पूर्णिमा वोरिया (Pravasi Rajasthan Diwas Purnima Vora Interview) शिरकत करेंगी। उन्हें राजस्थान फाउंडेशन न्यूयॉर्क चैप्टर की चेयरमैन बनाया गया है। ध्यान रहे कि वोरिया (Purnima Voria) भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों का पुल बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। वे नेशनल यूएस इंडिया चैम्बर ऑफ कॉमर्स की संस्थापक और सीईओ हैं। उन्हें अमेरिकी वाणिज्य सचिव गैरी लोके की ओर से अल्पसंख्यक व्यवसाय विकास एजेंसी का राष्ट्रीय सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने 2004-2014 तक राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश और राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रशासन के तहत अमेरिकी वाणिज्य सचिव जॉन ब्रायसन, रेबेका ब्लैंक और पेनी प्रिट्जकर के रूप में भी काम किया।
वोरिया को सन 2017 में भारत के हैदराबाद में आयोजित ग्लोबल एंटरप्रेन्योरशिप समिट में इवांका ट्रंप से जुड़ने के लिए अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से आमंत्रित किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूएस यात्रा के दौरान भी वे उनके साथ नजर आई थीं। कोलोराडो में एशियाई सलाहकार परिषदों में सेवा देने के लिए उन्हें गवर्नर ओवेन्स और डेनवर मेयर हिकेनलूपर ने चुना था। उन्होंने वैश्विक सीईओ सम्मेलनों में फ्रांस के प्रधानमंत्री डॉमिनिक डी विल्लेपिन के साथ चीन, इजराइल व न्यूजीलैंड सहित कई देशों की यात्राएं की हैं। उन्हें संयुक्त राष्ट्र, दक्षिण कोरिया व्यापार शिखर सम्मेलन तथा दावोस में विश्व आर्थिक मंच पर भी वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया था। पढ़िए सीधे अमेरिका-डेनवर से पत्रिका के साथ से उनका एक्सक्लूसिव इंटरव्यू :
डॉ. वोरिया: वह दस साल का अनुभव मेरे लिए किसी प्रशिक्षण से कम नहीं था। बुश प्रशासन में प्रेसिडेंशियल बिज़नेस कमीशन में मैंने नीतियां बनते हुए देखीं, और ओबामा प्रशासन में MBDA के अंतर्गत लाखों छोटे–मझोले अल्पसंख्यक उद्यमियों को ट्रिलियन-डॉलर अर्थव्यवस्था से जोड़ा । अब यही अनुभव मैं राजस्थान के लिए लेकर आ रही हूं। यह 10 दिसंबर केवल एक सम्मेलन नहीं, बल्कि ऐसा वैश्विक मंच है, जहां राजस्थानी जड़ें दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से जुड़ेंगी।
डॉ. वोरिया: NUICC का अमेरिका मुख्यालय डेनवर और एशिया मुख्यालय जयपुर में है। हमारे 9,200 से अधिक सदस्य अमेरिका के सभी 50 राज्यों में हैं। इस बार मैं कई शीर्ष निवेशकों, वेंचर कैपिटलिस्ट और टेक फाउंडर्स को सम्मेलन में शामिल होने और साझेदारी–निवेश के अवसर देखने के लिए प्रोत्साहित कर रही हूं। ये लोग केवल भाग लेने नहीं, बल्कि वास्तविक निवेश और सहयोग के इरादे से राजस्थान आ रहे हैं।
डॉ. वोरिया: NUICC के माध्यम से मैं लंबे समय से अमेरिकी उद्योगों और निवेशकों को भारत से जोड़ती आ रही हूं। अब राजस्थान फाउंडेशन के साथ मिलकर हम शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और स्टार्टअप सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करेंगे। समन्वित प्रयासों से निवेश राजस्थान में आएगागे हमारा फोकस है:
शिक्षा: अमेरिकी विश्वविद्यालयों की साझेदारी, कौशल विकास केंद्र और कैम्पस मॉडल।
हेल्थकेयर: टेलीमेडिसिन, कैंसर रिसर्च सेंटर और ग्रामीण क्षेत्रों में हाई–टेक स्वास्थ्य सुविधाएं।
पर्यटन: लग्जरी वेडिंग डेस्टिनेशन, फिल्म-शूटिंग हब और हेरिटेज सर्किट की अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग।
टेक्नोलॉजी: एआई, ग्रीन-एनर्जी, ड्रोन और सिलिकॉन वैली शैली के स्टार्टअप फंडिंग मॉडल को राजस्थान तक लाना।
डॉ. वोरिया: हैदराबाद GES में इवांका ट्रंप और कोरिया समिट में नील बुश के साथ काम करने से मैंने एक बात सीखी-बड़ी डील कागजों से नहीं, रिश्तों से होती है। अब वही वैश्विक नेटवर्क मैं राजस्थान लेकर आ रही हूं। जैसे 2012 में मिट रोमनी भारत आए थे, उसी तरह अब कई बड़े अमेरिकी नेता और निवेशक राजस्थान की ओर गंभीरता से देख रहे हैं।
डॉ. वोरिया: अमेरिका में रह कर भी मैंने हमेशा भारतीय संस्कृति और परंपराओं को संजोए रखा है। अब हम बच्चों के लिए ‘रूट्स-टू-राजस्थान’ कार्यक्रम, सांस्कृतिक यात्राएं और यूथ कल्चरल एम्बेसडर पहल शुरू कर रहे हैं, ताकि नई पीढ़ी महसूस करे कि राजस्थान केवल एक स्थान नहीं, बल्कि उनकी पहचान है।
डॉ. वोरिया: बिल्कुल! प्रवासी भारतीय और प्रवासी राजस्थानी जहां भी रहते हैं, वहां भारत और राजस्थान की पहचान बनाते हैं। मेरी इच्छा है कि वे अपनी सफलता, ज्ञान और नेटवर्क को अपनी मातृभूमि के विकास से जोड़ें। जब प्रवासी आगे बढ़ते हैं, तो राजस्थान और भारत की प्रतिष्ठा भी बढ़ती है।
डॉ. वोरिया: यह सम्मेलन मेरे लिए भावनात्मक मील का पत्थर है। यूएस–भारत व्यापार के अनुभव के साथ मैं राजस्थान की मिट्टी पर लौट रही हूं। यह केवल आयोजन नहीं, बल्कि ऐसा अवसर है जहां हमारी जड़ें, संस्कृति और वैश्विक संभावनाएं एक साथ जुड़ेंगी। ऐसे मंच अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
डॉ. वोरिया: हम नई पीढ़ी को राजस्थान से तीन माध्यमों से जोड़ रहे हैं-डिजिटल राजस्थानी क्लासेज, समर हेरिटेज ट्रिप और यूथ एम्बेसडर प्रोग्राम। 10 दिसंबर को चाहे सीधे आएं या ऑनलाइन जुड़ें-यह सभी का उत्सव है। प्रथम प्रवासी राजस्थानी दिवस एक ऐतिहासिक मंच है, जहां दुनिया भर के राजस्थानियों को एक साथ आने का अवसर मिलेगा। मेरा संदेश है-आइए, पर्यटन, शिक्षा, स्टार्टअप और उद्योगों में राजस्थान की नई विकास यात्रा का हिस्सा बनें।
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Updated on:
07 Dec 2025 04:06 pm
Published on:
07 Dec 2025 02:02 pm
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