
नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Photo -congress/X)
Caste Census: देश में जातिगत जनगणना कराने की मोदी सरकार ने घोषणा कर दी है। केंद्र सरकार के इस फैसले का विपक्ष ने भी स्वागत किया है। मोदी सरकार के इस ऐलान के बाद कांग्रेस सांसद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना करने का सरकार का फैसला सराहनीय है और यह कदम उसने हमारे इस बारे में चलाए गए अभियान की दबाव में उठाया है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने यह फैसला कांग्रेस के गंभीरता से चलाए गए अभियान के दबाव में लिया है और उसका यह फैसला सही है जिसे कांग्रेस समर्थन करती है। यह सही फैसला है और वह सरकार के इस फैसले की तारीफ करते हैं।
उन्होंने कहा कि जाति गणना पहला कदम है। इसको लेकर सही सवाल पूछे जाने चाहिए और यह जनगणना नौकरशाही रवैया से नहीं बल्कि सच मे जनता के बीच जाकर होनी चाहिए। तेलंगाना में सरकार ने जो मॉडल जाति जनगणना के लिए अपनाया है वही तरीका केंद्र सरकार को भी अपनाना चाहिए।
1- जल्द से जल्द इसकी टाइमलाइन घोषित करें- कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि जातिगत जनगणना कब और कैसे कराई जाएगी।
2- 50 प्रतिशत सीमा आरक्षण हटाने की वकालत की- कांग्रेस सांसद ने कहा कि जातिगत आंकड़ों के आधार पर 50 फीसदी आरक्षण की वर्तमान संवैधानिक सीमा को हटाना जरूरी है।
3- तेलंगाना मॉडल को अपनाने की सलाह- कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार को तेलंगाना सरकार की तरह पारदर्शी और समावेशी जाति सर्वे मॉडल अपनाए।
4- निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू हो- राहुल गांधी ने कहा कि सरकारी शिक्षण संस्थानों की तरह भी निजी संस्थाओं में आरक्षण लागू होना चाहिए।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि यह हमारा दृष्टिकोण था, हमें खुशी है कि उन्होंने इसे अपनाया है। कांग्रेस सांसद ने कहा कि जाति जनगणना को डिजाइन करने में हम सरकार को पूरा समर्थन करेंगे क्योंकि बिहार और तेलंगाना के डिजाइन में जमीन आसमान का फर्क है। हम केंद्र से सवाल पूछ रहे है कि चाहे OBC, दलित और आदिवासी हो उनकी देश में कितनी भागीदारी है जाति जनगणना से ये पता लगेगा।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा हमने एक और बात कही थी, कांग्रेस ने एक और मुद्दा उठाया था, इसका उल्लेख घोषणापत्र में भी किया गया था-अनुच्छेद 15(5) - निजी शिक्षा संस्थानों में आरक्षण। यह पहले से ही एक कानून है। हम चाहते हैं कि एनडीए-बीजेपी सरकार इसे लागू करना शुरू करे।
Updated on:
30 Apr 2025 09:06 pm
Published on:
30 Apr 2025 09:00 pm
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