
महिला आरक्षण बिल पर आज लोकसभा में बहस जारी है। सोनिया गांधी, महुआ मोइत्रा, स्मृति ईरानी, निशिकांत दुबे से लेकर कई नेताओं ने इस बिल पर अपने पक्ष रखे। शाम 5 बजे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने महिला आरक्षण बिल के समर्थन में बोलते हुए इसे देश के लिए जरूरी कदम बताया। हालांकि इस दौरान उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि महिला आरक्षण बिल में बिना OBC महिलाओं के हिस्सेदारी के यह बिल अधूरा है।
यह बिल अधुरा क्योंकि इसमें OBC आरक्षण की बात नहीं
राहुल गांधी ने संसद में बोलते हुए कहा कि हर कोई इस बात का समर्थन करेगा कि यह हमारे देश की महिलाओं के लिए बहुत बड़ा कदम है। महिलाओं ने आजादी के आंदोलन में भी भाग लिया। लेकिन मेरे हिसाब से यह बिल अधुरा है क्योंकि इसमें OBC आरक्षण की बात नहीं है। इसमें दो बात नहीं है, पहली बात तो यह कि आपको इस बिल के लिए एक नई जनगणना और नया परिसीमन करना होगा।
मेरी नजर में इस बिल को अभी से महिलाओं को लोकसभा और राज्यसभा में 33% आरक्षण देकर लागू कर देना चाहिए। भारत की महिलाओं को सत्ता हस्तांतरित करने की दिशा में सबसे बड़ा कदम था पंचायती राज, जहां उन्हें आरक्षण दिया गया और बड़े पैमाने पर राजनीतिक व्यवस्था में प्रवेश करने की अनुमति दी गई।
संसद में उठाया जातिगत जनगणना का मुद्दा
राहुल गांधी ने संसद में बहस के दौरान कहा कि सरकार की मंशा ही नहीं है कि वो महिलाओं को इस बिल का लाभ दें। क्योंकि इस बिल में साफ लिखा है कि सरकार इस आरक्षण का लाभ परिसीमन के बाद मिलेगा। परिसीमन के लिए सरकार को पहले जनगणना कराना पड़ेगा। मैं कहता हूं कि अगर सरकार को जनगणना ही कराना है तो सरकार जातिगत जनगणना करा दें।
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Published on:
20 Sept 2023 07:03 pm
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