15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

‘वोट चोर गद्दी छोड़’ या ‘नितिन नबीन’ दोनों में से कौन Google पर रहे जनता की पहली पसंद ?

Rahul Gandhi vs Nitin Nabin Google Trends: गूगल पर 14-15 दिसंबर को राहुल गांधी अपनी 'वोट चोर' रैली के चलते खबरों में छाए रहे, जबकि नितिन नबीन को अचानक भाजपा का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने पर लोगों ने जिज्ञासावश सबसे ज्यादा सर्च किया।

4 min read
Google source verification

भारत

image

MI Zahir

Dec 15, 2025

Rahul Gandhi vs Nitin Nabin Google Trends

राहुल गांधी बनाम नितिन नबीन गूगल ट्रेंड्स। (फोटो : एआई, डिजाइन:पत्रिका)

Rahul Gandhi vs Nitin Nabin Google Trends: भारतीय राजनीति के लिहाज से 14 और 15 दिसंबर 2025 के 48 घंटे बेहद उथल-पुथल वाले रहे। एक तरफ देश की राजधानी दिल्ली का रामलीला मैदान (Rahul Gandhi Ramlila Maidan Rally) विपक्ष की हुंकार का गवाह बना, तो दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने अपने सांगठनिक ढांचे में एक ऐसा बदलाव किया, जिसने सियासी पंडितों को भी चौंका दिया। इन दोनों बड़ी घटनाओं का सीधा असर इंटरनेट की दुनिया यानि गूगल सर्च (Google Search) पर देखने को मिला। दरअसल 14 दिसंबर की शाम से लेकर 15 दिसंबर तक, सोशल मीडिया से लेकर सर्च इंजन तक, दो ही नाम सबसे ज्यादा टाइप किए गए-राहुल गांधी 'वोट चोर गद्दी छोड़ रैली (Vote Chor Gaddi Chhod Rally)', और नितिन नबीन (Nitin Nabin BJP Working President)। लेकिन सवाल यह है कि जनता की 'पहली पसंद' कौन बना? आइए, डेटा के जरिए समझते हैं कि आखिर डिजिटल संग्राम में किसने बाजी मारी।

सर्च वॉर: राहुल की 'ललकार' vs नबीन का 'धमाका'

गूगल ट्रेंड्स के आंकड़े बताते हैं कि यूजर्स का व्यवहार इन दो दिनों में बिल्कुल अलग-अलग रहा।

राहुल गांधी : न्यूज़ और निरंतरता

राहुल गांधी का सर्च ग्राफ पूरे दिन (14 दिसंबर) लगातार ऊंचा बना रहा। इसकी वजह थी रामलीला मैदान में उनकी बहुचर्चित 'वोट चोर, गद्दी छोड़' रैली। लोग उनके भाषण के अंश, प्रधानमंत्री मोदी पर किए गए हमलों और ईवीएम (EVM) पर उनके तर्कों को सुनने-पढ़ने के लिए सर्च कर रहे थे।

नितिन नबीन : जिज्ञासा और स्पाइक

इधर 14 दिसंबर की शाम को बाजी अचानक पलट गई। जैसे ही बीजेपी ने बिहार के कद्दावर नेता नितिन नबीन को 'राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष' (National Working President) बनाने का एलान किया, गूगल पर एक 'सुनामी' आ गई। यह ट्रेंड 'ब्रेकआउट' कैटेगरी का था, यानि कुछ ही घंटों में उनकी सर्चिंग 0 से सीधे 100 के शिखर पर पहुंच गई। तकनीकी रूप से राहुल गांधी 'खबरों' (News Volume) में आगे रहे, लेकिन 'जिज्ञासा' (Curiosity Factor) के मामले में नितिन नबीन ने सबको पछाड़ दिया। देश यह जानना चाहता था कि आखिर वह कौन सा चेहरा है जिसे बीजेपी ने इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।

नितिन नबीन: सर्च में क्यों आया भूचाल ?

नितिन नबीन का नाम टॉप ट्रेंडिंग में आने के पीछे सबसे बड़ा कारण 'सरप्राइज एलिमेंट' था। लोग उनके बारे में हर छोटी-बड़ी जानकारी जुटाने में लग गए। गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च किए गए सवाल कुछ इस प्रकार थे:

परिचय: "Who is Nitin Nabin?" (नितिन नबीन कौन हैं?) – यह वाक्य सबसे ज्यादा वायरल हुआ।

जातिगत समीकरण: "Nitin Nabin Caste" – बिहार और हिंदी पट्टी की राजनीति में जाति एक अहम पहलू है, इसलिए लोगों ने उनकी जाति (कायस्थ) के बारे में खूब सर्च किया।

विरासत: "Nitin Nabin Father" – यूजर्स ने उनके पिता और बिहार बीजेपी के दिग्गज नेता रहे नवीन किशोर प्रसाद सिन्हा के बारे में भी जानकारी खंगाली।

बीजेपी का 'युवा' मास्टरस्ट्रोक

विश्लेषकों का मानना है कि नितिन नबीन को कमान सौंपना बीजेपी की एक सोची-समझी रणनीति है। छत्तीसगढ़ चुनाव में सह-प्रभारी के रूप में उनके शानदार प्रबंधन और 'परफॉर्मेंस' ने केंद्रीय नेतृत्व (मोदी-शाह) का भरोसा जीता। साथ ही, यह संदेश दिया गया कि पार्टी में एक साधारण पृष्ठभूमि से आया कार्यकर्ता भी शीर्ष पद तक पहुंच सकता है।

राहुल गांधी: 'मशीन नहीं, मतपत्र चाहिए' का नारा

सर्च ट्रेंड्स में दूसरे नंबर पर राहुल गांधी और उनका आक्रामक भाषण रहा। रामलीला मैदान से उन्होंने सीधे तौर पर चुनाव आयोग (Election Commission) और ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।

ईवीएम पर वार: राहुल ने साफ शब्दों में कहा कि यह लड़ाई अब चुनाव जीतने की नहीं, बल्कि लोकतंत्र और संविधान बचाने की है। उनका आरोप था कि 'जनता का वोट मशीनों में बदल दिया जाता है।'

अडाणी और मोदी कनेक्शन: हमेशा की तरह, राहुल ने उद्योगपति गौतम अडाणी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि देश की संपत्ति 'चंद दोस्तों' को बेची जा रही है और आम आदमी महंगाई से जूझ रहा है।

नया नारा: उनका यह बयान- "अगर आज बैलेट पेपर से चुनाव हों, तो बीजेपी 150 सीटें भी नहीं जीत पाएगी" — सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया गया। अगर हम गूगल सर्च इंटेंट को 100 अंकों के पैमाने पर देखें, तो 14-15 दिसंबर का स्कोरकार्ड कुछ ऐसा दिखता है:


इन 48 घंटों में गूगल पर कुछ विशेष कीवर्ड्स और वाक्यों की भरमार रही:

नितिन नबीन के लिए: Nitin Nabin BJP Working President, Nitin Nabin Biography, Nitin Nabin political career.

राहुल गांधी के लिए: Vote Chor Gaddi Chhod rally, Rahul Gandhi speech Ramlila Maidan, Vote Chori meaning.

अन्य: PM Modi vs Rahul Gandhi, Kharge speech highlights, Chief Election Commissioner Gyanesh Kumar.

यह दिन डिजिटल दुनिया में दो अलग-अलग धाराओं का गवाह बना

बहरहाल 14 दिसंबर का दिन डिजिटल दुनिया में दो अलग-अलग धाराओं का गवाह बना। एक तरफ राहुल गांधी ने 'राजनीतिक गर्मी' बढ़ाई, तो दूसरी तरफ नितिन नबीन ने 'जिज्ञासा की लहर' पैदा की। सर्च वॉर में भले ही 'जिज्ञासा' (नितिन नबीन) की जीत हुई हो, लेकिन राहुल की रैली ने जमीनी राजनीति का पारा जरूर चढ़ा दिया है। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे 'खबरों' की रेस में राहुल और 'जिज्ञासा' के मामले में नितिन नबीन डिजिटल दुनिया में टॉप ट्रेंड रहे।