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राजीव गांधी की हत्या के दोषी ए.जी. पेरारिवलन ने जेल में रहते ली है मास्टर की डिग्री

Published: May 18, 2022 09:58:32 pm

Submitted by:

Mahima Pandey

Rajiv Gandhi assassination case: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे AG Perarivalan को रिहा करने के आदेश दिए हैं। कारावास में रहते हुए इस आरोपी ने अपनी मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की है।

Rajiv Gandhi assassination case: AG Perarivala master degree in computer applications

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सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी ए.जी. पेरारिवलन की रिहाई के आदेश दिए हैं। राजीव गांधी हत्याकांड मामले में दोषी ए.जी. पेरारिवलन 30 साल से ज्यादा कारावास की सजा काट चुके हैं। उन्हें 11 जून 1991 को गिरफ्तार किया गया था। करीब 31 साल के बाद ए.जी. पेरारिवलन जेल से अब रिहा होंगे। पर क्या आपको पता है जेल में रहते हुए भी पेरारिवलन ने मास्टर की डिग्री प्राप्त की है?
कब हुई थी सजा?
दरअसल, राजीव गांधी की हत्या जब हुई थी तब पेरारिवलन की उम्र केवल 19 साल थी। पेरारिवलन को 11 जून 1991 को पेरियार थिडल (चेन्नई) में केंद्रीय जांच अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था। पेरारिवलन 30 साल से अधिक समय से तमिलनाडु के वेल्लोर और पुझल सेंट्रल जेलों में बंद रहे। इस मामले में टाडा कोर्ट ने उन्हें 1998 में मौत की सजा सुनाई थी जिसे अगले साल सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार भी रखा था। हालांकि, 18 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। अब पेरारिवलन को कोर्ट ने इस वर्ष जमानत दे दी है।

सजा के दौरा प्राप्त की मास्टर्स की डिग्री
सजा काटने के दौरान पेरारिवलन ने इलेक्ट्रानिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में अपना डिप्लोमा पूरा किया था। इंदिरा गांधी ओपन विश्वविद्यालय में MCA करने के बाद मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की थी। यही नहीं 2013 में तमिलनाडु ओपन विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक डिप्लोमा कोर्स के एग्जाम में वो स्वर्ण पदक भी प्राप्त कर चुके हैं। अब जाकर कोर्ट ने पेरारिवलन को रिहाई दी है।
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बता दें कि पेरारिवलन पर लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) के सदस्य शिवरासन की मदद करने का आरोप है। आरोप ये है कि उन्होंने हत्या के मास्टरमाइन्ड शिवरासन की मदद की थी और उसे उसकी मदद के रूप में 9 वोल्ट बैटरी खरीदकर दी थी। ये वही बैटरियां हैं जिसका इस्तेमाल राजीव गांधी की हत्या के लिए किया गया था।

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