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Pilot Of Politics: देश के वो असली पायलट जिन्होंने जहाज के साथ “राजनीति” भी उड़ाई

Pilot’s in politics: देश के वो पायलट जिन्होंने जहाज की उड़ान हो या राजनीति की दोनों में ही आसमान छूआ हो, चाहे मौसम का टर्बलेंस हो या पॉलिटिक्स का दोनों को कंट्रोल किया हो।

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 real pilot boat of the country as well as flying high in politics

देश के वो पायलट जिन्होंने जहाज की उड़ान हो या राजनीति की दोनों में ही आसमान छुआ हो, चाहे मौसम का टर्बुलेंस हो या पॉलिटिक्स का दोनों को कंट्रोल किया हो। आज हम उन दिग्गज नेताओं की बात करने जा रहे हैं जिन्होंने कई बमवर्षक और लड़ाकू विमान उड़ाए। जिसमें देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उड़ीसा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक का नाम शामिल है।

राजीव गांधी

आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 79वीं जयंती है। सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन समेत कई कांग्रेस नेताओं ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। राजीव गांधी की बात करें तो, वो एयर इंडिया के पायलट जो बाद में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश के सबसे कम उम्र वाले प्रधानमंत्री बने। इन्होंने अपने कार्यकाल में देश के लिए अहम योगदान दिया। राजीव गांधी 22 साल की उम्र में पायलट बन गए थे और दिल्ली फ्लाइंग क्लब से फ्लाइंग लाइसेंस अर्जित किया था।

इन्होंने 15 सालों तक इंडिया एयरलाइंस (एयर इंडिया) की फ्लाइट में उड़ान भरी। साल 1980 में एक विमान हादसे में अपने भाई संजय गांधी को खोने के बाद उनको स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने विमान नहीं उड़ाने की सलाह दी थी और पॉलिटिक्स में सक्रिय होने को कहा था। राजीव गांधी ने विमान उड़ाना छोड़ दिया,लेकिन अपने फ्लाइंग लाइसेंस को एक्टिव रखने के लिए बीच-बीच में उड़ान भर लेते थे।


बीजू पटनायक

दिल्ली फ्लाइंग क्लब के पूर्व छात्र बिजयानंद पटनायक 1930 के दशक में रॉयल एयर फोर्स में शामिल हुए। विश्व युद्ध के दौरान, पटनायक ने बर्मा में जापानियों के खिलाफ ब्रिटिश अभियान के लिए मिशन में उड़ान भरी। यहां तक कि उन्होंने स्टेलिनग्राद की जर्मन घेराबंदी के दौरान उड़ान भरते हुए यूरोपीय थिएटर में भी उपस्थिति दर्ज कराई। जब वे घर लौटे, तब भी जब वे आरएएफ के लिए उड़ान भर रहे थे, तब भी पटनायक दिल से राष्ट्रवादी बने रहे। उन्होंने देश भर में संघर्ष के नेताओं को गुप्त रूप से उड़ाकर भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन किया। आखिरकार, अंग्रेजों ने उन्हें पकड़ लिया और 1942-46 तक उन्हें जेल में डाल दिया। लेकिन उनकी कहानी यहीं खत्म नहीं होने वाली थी।

1948 में, प्रधानमंत्री नेहरू ने एक अन्य बचाव अभियान पर इक्का-दुक्का पायलट को तैनात किया। उन्होंने इंडोनेशिया के घिरे हुए प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को डचों के हाथों से छुड़ाकर भारत लाया। रूस और इंडोनेशिया दोनों ने पटनायक को उनकी सेवाओं के लिए सम्मानित किया। अंततः पटनायक ने कलिंगा एयरलाइंस की स्थापना की। आपको विश्वास नहीं होगा कि उस एयरलाइंस के मुख्य पायलट बीजू पटनायक कौन था।


राजेश पायलट

राजेश पायलट देश के ऐसे नेता रहे हैं जिन्हें उड़ना इतना पसंद था कि राजनीति के बद जितना भी समय उनको मिलता था वो जहाज उड़ाने में बिताते थे। हालांकि उनका असली नाम राजेश्वर प्रसाद सिंह बिधूड़ी था। वह 1966 में एक पायलट के रूप में भारतीय वायु सेना में शामिल हुए थे। पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के युद्ध में, फ्लाइट लेफ्टिनेंट बिधूड़ी ने एक संशोधित डी हैविलैंड कनाडा डीएचसी -4 कैरिबू में बमवर्षक पायलट के रूप में कई मिशन उड़ाए।

1977 में, कुछ साल बाद सक्रिय राजनीति में आने से पहले वह एक स्क्वाड्रन लीडर बन गए। हालांकि राजनीति में आने के बाद उन्होंने अपना नाम एक चुनाव अधिकारी की सलाह पर राजेश पायलट रख लिया। पायलट ने केंद्र में कई मंत्रालय संभाले।


राजीव प्रताप रूडी

25 मई को, जब दो महीने के लॉकडाउन के बाद घरेलू उड़ानें फिर से शुरू हुईं, तो दिल्ली से पटना जाने वाली पहली इंडिगो फ्लाइट के कॉकपिट में एक वीआईपी पायलट उड़ान भर रहे थे। वह उस विमान के प्रथम अधिकारी थे। आपको बता दें की ये पायलट और कोई नहीं बल्कि भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी थे। हालांकि उनका राजनीतिक कार्य उन्हें पूरे समय उड़ान भरने की अनुमति नहीं देता है।

रूडी अपने लाइसेंस को सक्रिय रखने के एक तरीके के रूप में, पिछले 10 वर्षों से नियमित रूप से उड़ान भर रहे हैं। इससे पहले मई में उन्होंने ढाका के लिए मेडिकल कार्गो भी उड़ाया था। कॉकपिट में उनके अनुभव से उन्हें शुरुआती दौर में नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में काम करने में मदद मिली होगी।

बैजयंत जय पांडा

ओडिशा के भाजपा नेता को आसमान से बेहद लगाव है। स्काइडाइविंग के अलावा, वह विमान और हेलीकॉप्टर उड़ाने में भी सक्षम है। उन्होंने हेलिकॉप्टर में 1,800 घंटे से अधिक समय बिताया है। कथित तौर पर पांडा के पास अपना खुद का हेलिकॉप्टर भी है। जिसे वह काम और आनंद के लिए और कभी-कभी अपने अनुयायियों को आश्चर्यचकित करने के लिए उड़ाते है। उनसे जुड़ा एक किस्सा ये भी है कि राउरकेला के एक व्यक्ति को पता चला कि उनके पास हेलिकॉप्टर है तो उसने 2017 में ट्वीट कर कहा कि वह हेलिकॉप्टर की सवारी करना चाहता है। लेकिन वह इसका खर्च वहन नहीं कर सकता। तो पांडा ने उसे अपने "व्यक्तिगत हेलीकॉप्टर" में फ्री में घुमाया।

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