
Republic Day 2023 :
Republic Day 2023: आजादी के अमृत महोत्सव के बीच हम कल अपना 74वीं गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे है। हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। भारत में पहला गणतंत्र दिवस साल 1950 में पहली बार मनाया गया था। 26 जनवरी, 1950 को हमें भारत का संविधान और डॉ. राजेंद्र प्रसाद के रूप में भारत के प्रथम राष्ट्रपति मिले थे। पहला गणतंत्र दिवस मनाते हुए प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने इरविन स्टेडयिम में भारतीय तिरंगा फहराया था। पहली बार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु कर्तव्य पथ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगी। आइए जानते है 1950 से लेकर अब तक क्या क्या बदलाव हुआ।
आपको बता दें कि 26 जनवरी, 1950 को भारत का पहला गणतंत्र दिवस की दिल्ली में हुआ था। जहां पुराना किला के सामने स्थित ब्रिटिश स्टेडियम में गणतंत्र दिवस की परेड हुई थी। मौजूदा समय में इस जगह पर दिल्ली का चिड़ियाघर है और स्टेडियम की जगह पर नेशनल स्टेडियम बना हुआ है।
बहुत कम लोगों को ही बता है कि पहले 4 गणतंत्र दिवस की परेड (कर्तव्य पथ) राजपथ पर ना होकर चार अलग-अलग जगहों पर हुई थीं। पहले गणतंत्र दिवस का आयोजन पुराना किला के पास ब्रिटिश स्टेडियम (नेशनल स्टेडियम) में हुआ था। यहीं पर पहली परेड हुई थी। 1950 से 1954 तक परेड का आयोजन क्रमशः इरविन स्टेडियम (नेशनल स्टेडियम), किंग्सवे, लाल किला और रामलीला मैदान में हुआ था। साल 1955 से गणतंत्र दिवस समारोह के लिए राजपथ (कर्तव्य पथ) को चुना गया। इसके बाद से अब हर वर्ष यहां पर गणतंत्र दिवस का आयोजन हो रहा है।
पहले गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के पुराना किला से देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने पहली बार तिरंगा झंडा फहराया था। ध्वजारोहण करने के बाद परेड की गई है। सबसे पहले तोपों की सलामी दी गई। तोपों की आवाज से पूरा किला गूंज उठा था। राष्ट्रपति डाॅ. राजेंद्र प्रसाद के अलावा गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी मौजूद थे।
आपको बात दे कि पहली गणतंत्र दिवस परेड को देखने के लिए स्टेडियम में करीब 15 हजार लोग मौजूद थे। इस परेड में सशस्त्र सेना के तीनों बलों ने भी हिस्सा लिया था। इसके अलावा सेना के सात बैंड भी गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हुए था।
Published on:
25 Jan 2023 03:14 pm
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