ऐसा रहा सफरः
22 माहः 50 से पहुंचा 100 डॉलर – 15 फरवरी 2002 को 50 अरब डॉलर – 12 दिसंबर 2003 को 100 अरब डॉलर – 31 मार्च 2006 को 150 अरब डॉलर, – 6 अप्रैल 2007 को 200 अरब डॉलर, – 5 अक्टूबर 2007 को 250 अरब डॉलर – 29 फरवरी 2008 को 300 अरब डॉलर
आर्थिक मंदीः दोबारा उठने में लगे दो साल
– 18 फरवरी 2011 को 300.63 अरब डॉलर – 28 मार्च 2014 को 303.67 अरब डॉलर – 1 मई 2015 को पहली बार 350 अरब डॉलर – 8 सितंबर 2017 को 400 अरब डॉलर – 29 नवंबर 2019 को 450 अरब डॉलर
– 5 जून 2020 को 500 अरब डॉलर – 9 अक्टूबर 2020 को 550 अरब डॉलर – 4 जून 2021 को 600 अरब डॉलर
कोरोनाः फिर संभलने में लगे तीन साल
– 21 अक्टूबर 2022 तक घटकर 524.52 अरब डॉलर – 14 जुलाई 2023 को दोबारा 600 अरब डॉलर – 31 मई 2024 को पहली बार 650 अरब डॉलर – 27 सितंबर 2024 को 704.88 अरब डॉलर (लगातार सातवें सप्ताह विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है। इन सात सप्ताह में इसमें 34.766 अरब डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई है।)
स्वर्ण भंडार भी तेजी से बढ़ाः
– पिछले छह महीने में देश के स्वर्ण भंडार का मूल्य 51 अरब डॉलर से बढ़कर 65 अरब डॉलर हो चुका है। – विदेशी मुद्राओं और सोने का मजबूत भंडार देश को आयात में अधिक सक्षम बनाता है। युद्ध जैसी परिस्थितियों में यह अधिक विकल्प प्रदान करता है।