बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद राजद कोटे से सुधाकर सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया था। कृषि मंत्री रहते हुए उन्होंने अफसरशाही पर तीखा तंज कसा था। उन्होंने किसानों के एक कार्यक्रम में अफसरों पर चोरी का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि उनके विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है और इसके लिए उन्होंने नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने यह भी दावा किया कि विभाग के सभी कर्मचारी और अधिकारी चोर थे और ‘वह उनके राजा थे’।
सीएम नीतीश कुमार को शिखंडी तक कहा
कर्मचारी और अधिकारी चोर, मैं चोरों का सरदार वाले बयान के बाद सुधाकर सिंह लगातार सरकार पर सवाल खड़े गए। जिसके बाद उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। मंत्री पद छोड़ने के बाद भी सुधाकर सिंह चुप नहीं बैठे। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ कई अपमानजनक टिप्पणियां कीं। एक बार तो उन्होंने नीतीश कुमार को शिखंडी तक कह दिया था।
उपेंद्र कुशवाहा ने तेजस्वी से पूछे थे सवाल
सुधाकर सिंह की बयानबाजी को लेकर सरकार पर सवाल उठे। जदयू की ओर से वरिष्ठ नेता उपेंद्र् कुशवाहा ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को खुला पत्र लिखते हुए सुधाकर सिंह की बयानबाजी को लेकर सवाल उठाए। जिसके बाद से सुधाकर पर गाज गिरनी तय मानी जा रही थी। अब बुधवार को राजद ने राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी के हस्ताक्षर वाली पत्र जारी करते हुए सुधाकर सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
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गठबंधन धर्म की मर्यादा के उल्लंघन का आरोप
राजद की चिट्ठी में कहा गया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार आपको यह कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। उनके संज्ञान में आया है कि एक बार पुनः आपने गठबंधन धर्म की मर्यादा का उल्लंघन किया है। पत्र में लिखा गया कि RJD के राष्ट्रीय अधिवेशन में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि गठबंधन के मसलों और शामिल दलों के शीर्ष नेतृत्व के संदर्भ में सिर्फ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अथवा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ही बात रखने के लिए अधिकृत हैं। फिर भी आपने लगातार इस प्रस्ताव का उल्लंघन किया है।
सुधाकर सिंह को 15 दिन में देना होगा जवाब
राजद के पत्र में आगे लिखा गया है कि आपके बयान लगातार उन ताकतों को बल देते हैं जो संविधान को रौंदकर न्याय, सौहार्द और समानता की पैरोकारी को समाप्त करना चाहते हैं आपके आपत्तिजनक बयान देश-प्रदेश और RJD के एक बड़े वर्ग को आहत कर रहे हैं। राष्ट्रीय जनता दल के संविधान की धारा-33 के नियम-22 के तहत आप कृपया 15 दिनों के अंदर यह स्पष्टीकरण दें कि क्यों नहीं आपके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
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