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‘RSS और मुसलमान समंदर के दो किनारे…’, मोहन भागवत ने ऐसा क्या कहा कि भड़के असदुद्दीन ओवैसी

AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ऊंची जाति के लोग नेता होंगे और मुसलमान भिखारी होंगे। यह कैसे उचित है, मुझे बताएं।

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भारत

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Ashib Khan

May 18, 2025

RSS चीफ के बयान पर ओवैसी ने दी प्रतिक्रिया (Photo- ANI)

Asaduddin Owaisi: AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर आरएसएस को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने आरएसएस चीफ मोहन भागवत के बयान को ‘बेतुका’ करार दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने एक बयान में कहा था कि भारत में सभी की डीएनए एक समान है और हर मस्जिद के नीचे शिवलिंग नहीं ढूंढना चाहिए। यह बयान RSS चीफ ने मस्जिदों को लेकर उपजे विवाद को लेकर दिया था।

क्या बोले ओवैसी

RSS चीफ के इस बयान को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। ओवैसी ने भागवत के बयान को "बेतुका" करार देते हुए कहा कि "RSS और मुसलमान समंदर के दो किनारे हैं, जो कभी नहीं मिल सकते।" ओवैसी ने यह भी कहा कि RSS की विचारधारा और मुसलमानों के बीच गहरी वैचारिक खाई है और भागवत का डीएनए वाला बयान उनकी संगठन की मूल विचारधारा के खिलाफ है। 

हिंदुत्व की विचारधारा मुसलमानों के लिए स्वीकार्य नहीं

AIMIM सांसद ओवैसी ने भागवत से उनके बयान पर स्पष्टीकरण मांगने की संभावना को भी खारिज कर दिया और कहा कि RSS की हिंदुत्व की विचारधारा मुसलमानों के लिए स्वीकार्य नहीं है। यह विवाद भागवत के उस दावे से उपजा, जिसमें उन्होंने एकता पर जोर देते हुए कहा था कि सभी भारतीय एक ही मूल से आते हैं।

कोर्ट जाने वाले लोग RSS के चाहने वाले

हर मस्जिद के नीचे मंदिर न ढूंढने की बात पर AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा अगर वे सच में ऐसा चाहते हैं तो उन्हें अपने लोगों को रोकना चाहिए, क्योंकि जो लोग कोर्ट जा रहे हैं वह सब कहीं ना कहीं आरएसएस और मोहन भागवत के चाहने वाले हैं ।

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ऊंची जाति के लोग नेता और मुसलमान भिखारी होंगे

AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ऊंची जाति के लोग नेता होंगे और मुसलमान भिखारी होंगे। यह कैसे उचित है, मुझे बताएं। साथ ही कहा कि भारत के संस्थापक नेताओं ने देश के लिए एक सहभागी लोकतंत्र के रूप में कल्पना की थी तो मुसलमानों की भागीदारी कहां है? ओवैसी ने कहा कि इतने बड़े समुदाय को हाशिए पर और कमजोर रखकर 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल नहीं हो सकता।