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रूसी महिला ने बताया कैसे गुजारे 8 साल, सांप को कहा- दोस्त, भारत छोड़कर जाने पर दिया ये रिएक्शन

रूसी महिला को कर्नाटक पुलिस ने गोकर्ण की एक पहाड़ी में स्थित एक गुफा से पकड़ा। महिला अपने दो बच्चियों के साथ छिपकर रह रही थी। महिला का वीजा 8 साल पहले खत्म हो चुका था।

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रूसी महिला (फोटो: X)

Russian Woman Gokarna Cave Rescue: कर्नाटक पुलिस ने दो दिन पहले गोकर्ण (Gokarna) इलाके में एक गुफा से एक रशियन महिला और उसके दो बच्चों को रेस्क्यू किया। रशियन महिला (Russian Women) ने पूछताछ में जो बताया। वह सुनकर कर्नाटक पुलिस (Karnataka Police) हैरान रह गई। महिला ने कर्नाटक पुलिस को कहा कि वह बीते 14 दिनों से रामतीर्थ पहाड़ियों में बनी प्राकृतिक गुफा में रह रही थी। वह हिंदू धर्म और आध्यात्म से प्रभावित होकर पहले गोवा और फिर गोकर्णा पहुंची।

रूसी महिला गुफा में दो बच्चों के साथ मिली

रूसी महिला की पहचान नीना कुटीना के रूप में हुई है। नीना ने पुलिस ने कहा कि उसे जंगलों से बेहद लगाव है। वह जंगलों में रहकर ध्यान करना पसंद करती है। इसके साथ ही वह भारत छोड़कर अपने देश लौटने को लेकर काफी दुखी है। पुलिस ने बताया कि उसका वीजा 2017 में ही खत्म हो चुका था। नियमों के तहत नीना और उसकी बेटियों को रूस वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। रविवार को उन्हें बेंगलुरू ले जाया जाएगा। बता दें कि नीना को पुलिस ने कुमता तालुका के रामतीर्थ पहाड़ियों में स्थित एक गुफा में दो बच्चियों के साथ पाया था।

2018 से छिपकर रह रही थी महिला

पुलिस अफसर श्रीधर एसआर ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि नीना पहली बार साल 2016 में भारत आई थी। उसका बिजनेस वीजा एक साल के लिए वैध था। तब नीना को गोवा और गोकर्ण के टूरिज्म और रेस्तरां बिजनेस ने प्रभावित किया था, लेकिन जब उसका 17 अप्रैल 2017 को वीजा खत्म हो गया तो उसने अपने देश रूस लौटने के बजाय भारत में ही रहने का फैसला लिया। 2018 में उसे एग्जिट परमिट मिला और वह कुछ समय के लिए नेपाल गई, लेकिन फिर जल्द ही भारत लौट आई और कर्नाटक के तटीय जंगलों में छिपकर रहने लगी।

होटलों में नहीं रहती थी

उन्होंने कहा कि नीना होटलों पकड़े जाने की वजह से नहीं रहती थी। उसने खुद को पुलिस से बचाने के लिए जंगलों में छिपकर रहने का विकल्प चुना। श्रीधर ने कहा कि पुलिस की टीम जब रामतीर्थ पहाड़ी की ओर गश्त कर रही थी, तब उन्हें पैरों के निशान दिखे। इसके बाद वह उस गुफा पहुंचे। जहां नीना की एक बेटी खेल रही थी, जबकि नीना अपनी दूसरी बेटी के साथ सोई हुई थी। गुफा में पुलिस को कुछ रूसी किताबें भी मिलीं। पुलिस ने कहा कि गुफा में कुछ रूसी किताबें भी मिली। महिला अपनी दोनों बच्चियों के साथ दो महीने रह रही थी। वह करीब 8 साल से इसी तरह छिप-छिपाकर अपना गुजर बसर कर रही थी।

पुलिस ने किसी तरह मनाया

श्रीधर ने कहा कि पुलिस ने किसी तरह नीना को मनाया। उन्होंने कहा कि वहां कभी भी लैंडस्लाइड हो सकता है। साथ ही, आसपास सांपों का खतरा है। इस पर नीना ने कहा कि सांप हमारे दोस्त हैं। जब तक हम उन्हें परेशान नहीं करते हैं। वह हमें कुछ नहीं करते हैं। उसने यह भी कहा कि जब वे पास के झरनों में नहाने जाती थीं, सांप उसके आस पास बिना किसी आक्रमकता के घूमते रहते थे।

खुद पैसों का करना होगा बंदोबस्त

बता दें कि अवैध अप्रवासी मामलों को वापस अपने मुल्क जाने के लिए पैसों का जुगाड़ खुद करना पड़ता है। लिहाजा नीना को अपने खर्चे खुद उठाने होंगे। इसके लिए न तो भारत सरकार और न ही रूसी सरकार धन मुहैया कराती है। नीना को अब निर्वासितों के लिए बनाए गए हिरासत केंद्रों में रहना होगा। उन्होंने कहा कि अधिकतर सरकारें अवैध अप्रवासियों से हवाई टिकट के लिए धन जुटाने के लिए कहती हैं।